नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बेंगलुरू में दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की 28वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कर्नाटक और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री, केरल के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री, पुदुचेरी के स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
दक्षिण क्षेत्रीय परिषद ने देश के दक्षिणी भाग में आई बाढ़ में जान- माल के नुकसान पर गहरा दुःख व्यक्त किया। परिषद को बताया गया कि केंद्र सरकार इस बारे में प्रभावित राज्यों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने में पीछे नहीं रहेगी।
परिषद ने मछुआरों की सुरक्षा, पर्यटन रेलगाड़ियों की शुरुआत, सभी पाठ्यक्रमों में छात्रवृत्ति के लिए एससी/एसटी की जनसंख्या के अनुपात में धन राशि का आवंटन, ग्रिड सुरक्षा को खतरे में डाले बिना उपलब्ध नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम इस्तेमाल और पुदुचेरी हवाई अड्डे के विकास से संबंधित सिफारिशों को लागू करने की दिशा में प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद बैठक में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मछुआरों के बीच पुलिकेट झील में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर विवाद, पवित्र शेषचालम पहाड़ियों में लाल चंदन की तस्करी का खतरा, चेन्नई को पेयजल के लिए कृष्णा नदी के जल की आपूर्ति, दक्षिणी क्षेत्र के तटीय राज्यों में मछली पकड़ने, दक्षिणी राज्यों की राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना, एलपीजी गोदाम के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करना, जैविक इंधन कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों इत्यादि पर चर्चा हुई। परिषद की बैठक में आज 27 मसलों पर चर्चा हुई जिनमें से 22 मामलों में समाधान निकाले गए।
परिषद की इस बैठक से पहले परिषद की स्थायी समिति की बैठक 28 नवंबर, 2017 को बेंगलुरू में हुई थी। इस बैठक में सात मुद्दों यथा तिरुअनंतपुरम और मैंगलुरु से उडुपी तक उच्च गति के रेल गरियारे के विस्तार और भारत सरकार द्वारा पेशेवर कर की सीमा की समीक्षा, केंद्र सरकार द्वारा आवासन को इंफ्रास्ट्रक्चर स्थिति देना, पशुओं के अंतर राज्यीय आवाजाही, खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तिलहन को बढावा देना, केंद्रीय वित्त आयोग में पुदुचेरी को समाहित करना और पुदुचेरी के मछआरों को सुरक्षा प्रदान करने जैसे मामले सुलझाए गए।
राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और अंतरराज्य संबंधों को और मजबूत करने के लिए राज्य पुनर्गठन कानून, 1956 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों (पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और मध्य क्षेत्रीय परिषदों) का गठन किया गया। इन परिषदों का काम आर्थिक एवं सामाजिक योजना के क्षेत्र में साझा हितों से जुड़े मुद्दों, सीमा विवादों, भाषाई अल्पसंख्यकों या अंतरराज्य परिवहन इत्यादि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और सिफारिश करना हैं।
दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की आज की बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इसमें अगली बैठक तमिलनाडु में आयोजित करने का फैसला लिया गया।