नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 05 अगस्त, 2015 को हुए आतंकवादी हमले के संबंध में आज संसद के दोनों सदनों में वक्तव्य जारी किया। उनके वक्तव्य का मूल पाठ निम्नलिखित हैः
”05 अगस्त, 2015 को सुबह करीब सात बजे आतंकवादियों ने उधमपुर जिले के नरसू नाला, चेनानी तहसील के निकट जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर उधमपुर शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर सीमा सुरक्षा बल- बीएसएफ के एक काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले में बीएसएफ के दो जवान-कांस्टेबल रॉकी, 59वीं बटालियन बीएसएफ, संख्या 120628139, निवासी- जिला यमुनानगर, हरियाणा और कांस्टेबल शुभेन्दु राय, दूसरी बटालियन, बीएसएफ संख्या 114001199, निवासी जलपाईगुड़ी जिला, पश्चिम बंगाल- शहीद हो गए और बीएसएफ के 14 जवान घायल हो गए। हमले में शामिल एक आंतकवादी मारा गया, जबकि दूसरे आतंकवादी को स्थानीय लोगों और पुलिस ने दबोच लिया।
पकड़े गए आतंकवादी को जम्मू लाया गया, जहां उससे संबंधित अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। शुरूआती पूछताछ के दौरान आतंकवादी ने अपनी पहचान मोहम्मद नवेद याकूब उर्फ उस्मान, निवासी फैसलाबाद (पाकिस्तान) बताई है। उसने मरने वाले अपने साथी की पहचान मोहम्मद नोमान उर्फ नोमिन (कोड नाम) निवासी भलवलपुर, पाकिस्तान बताई है। इस सिलसिले में एफआईआर संख्या 60/2015 धारा 120/120-बी/307/302/आरपीसी, 7/25 आयुध अधिनियम, 15/16 गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत चेनानी थाने में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है। आतंकवादियों के कब्जे से दो ए.के. 47 राइफलें, कुछ मैग्जीन, ग्रेनेड और विस्फोटक आदि बरामद किए गए हैं।
हम इस हमले और सीमा पार से आतंकवादियों द्वारा जम्मू कश्मीर के शांतिपूर्ण वातावरण को नष्ट करने के लिए निरंतर किए जाने वाले प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं। इस गरिमापूर्ण सदन की ओर से मैं बीएसएफ के शहीद जवानों के परिजनों को हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं और इस नृशंस हिंसा में घायल होने वालों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करता हूं। बीएसएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ सहित सुरक्षा बलों ने इस हमले को नाकाम करने में अदम्य साहस का परिचय दिया और ज्यादा नुकसान नहीं होने दिया। बीएसएफ के शहीद जवानों के परिजनों को अनुग्रह राशि और नौकरी प्रदान किए जाने के अतिरिक्त हम इस घटना में साहस और पराक्रम दिखाने वालों को तत्काल वीरता पदक प्रदान करने पर भी विचार कर रहे हैं।
हम उन निहत्थे गांव वालों के साहस को विशेष रूप से सलाम करते हैं, जिन्होंने जान का भारी खतरा होने के बावजूद अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए हथियारों से लैस आतंकवादी पर काबू पा लिया। हम यह मामला राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगे, ताकि उनके पराक्रम के इस विख्यात कार्य को उचित रूप से सम्मानित किया जा सके।
हमें यकीन है कि पकड़े गए आतंकवादी से पूछताछ के दौरान सीमा पार से घुसपैठ और उनके इरादों सहित उनकी कार्यप्रणाली का पता चल सकेगा। सरकार दृढ़ संकल्प के साथ आतंकवाद से निपटने और अपने नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”