17.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केन्द्रीय गृह मन्त्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की 126वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद पंडित जवाहरलाल नेहरू के लोगों के कल्याण के लिए किए गए कार्य और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर किसी को प्रश्न चिन्ह नहीं लगाना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि बहुत से मुद्दे हैं जिस पर नेहरू जी के साथ हमारी विचारधारा में अंतर है, नीतियों को लेकर भी कुछ मतभेद हैं लेकिन लोगों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए उनके कार्यों पर हम संदेह नहीं जता सकते। आज पंडित जवाहरलाल नेहरू की 126 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में श्री राजनाथ सिंह ने यह विचार व्यक्त किए। केन्द्रीय गृह मन्त्री ने कहा कि वह पंडित नेहरू को एक राजनीतिक दर्पण से नहीं देखते उन्हें हमेशा राष्ट्रीय दर्पण में देखा जाना चाहिए। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विदेशी प्रभुत्व से मुक्त होने के बाद हमारे नए जन्मे राष्ट्र को आगे बढ़ाने की उन्होंने महत्वपूर्ण रूप से जिम्मेदारी ली। वह एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने यह समझा कि लोकतांत्रित सिद्धांतों पर आधारित सरकार समय की जरूरत थी। श्री राजनाथ सिंह ने सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार, एक सम्प्रभु संसद, स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र प्रेस के आधार पर लोकतंत्र के रूप में आज के भारत के लिए पंडित नेहरू जैसे नेताओं के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

भारत में बुनियादी ढांचे, उद्योग और शिक्षा के संवर्धन के लिए पंडित नेहरू को श्रेय देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नेहरू का ही नेतृत्व था कि देश में भिलाई, राउल केला और बोकारो में व्यापक इस्पात संयंत्रों और आईईएस, आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख अकादमिक संस्थानो और कई परमाणु संयंत्रों की स्थापना हुई। नेहरू का उद्हरण देते हुए केन्द्रीय गृह मन्त्री ने कहा कि ‘पंडित जी ने कहा था,’’मैं उद्योगों के लिए और इस्पात संयंत्रों के लिए कार्य कर रहा हूँ लेकिन कृषि उद्योग से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।‘’ हालांकि नेहरू ने औद्योगिकीकरण पर बल दिया लेकिन वह जानते थे देश के विकास का प्रमुख बिन्दु कृषि था।

शिक्षा के क्षेत्र में पंडित नेहरू के योगदान की प्रशंसा करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू जी ने बच्चों के लिए उचित शिक्षा और निर्देशन की पहल, क्योंकि उन्होंने महसूस किया था कि भारत तभी एक विकसित राष्ट्र बन सकता है जब बच्चे पूरी तरह से शिक्षित हों। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नेहरू जी अपने समय के दुनिया के महान नेताओं में से एक थे। उनके मजबूत नेतृत्व में गुट निरपेक्ष आंदोलन की पहल उस वक्त पहल की गयी जब दुनिया द्विध्रुवीय स्वरूप में बटी थी। अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीक पर नेहरू जी की नीतियां सराहनीय थी। उन्होंने ही आज के समय में सार्थक सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत परियोजनाओँ को प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू की थी।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More