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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा का जवाब दिया

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज यहाँ राज्यसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा पर बोलते हुए कहा कि इस हिंसा में जिन लोगों की जान गई है उन सब के लिए हृदय की गहराइयों से दुख व्यक्त करता हूं । श्री शाह ने दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

श्री शाह ने सदन को बताया कि 26 तारीख के बाद से 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, 2647 लोग हिरासत में लिए गए हैं । श्री शाह ने यह भी बताया कि दिल्ली के आम नागरिकों से भी दंगे में हुई हिंसा से संबंधित वीडियो फुटेज मंगाए गए हैं और बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस को फुटेज प्राप्त भी हुए हैं। सीसीटीवी और वीडियो फुटेज का डिटेल एनालिसिस किया जा रहा है । फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा चेहरों की पहचान की जा रही है जिसके आधार पर यह भी तथ्य प्राप्त हुए हैं कि 330 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आकर यहां हिंसा करने के लिए जिम्मेदार हैं ।

श्री शाह ने कहा कि शांति समिति की 650 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं । 40 से अधिक टीम द्वारा दंगों में शामिल लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं। इस तरह के कामों में लिप्त संस्थाओं में कितनी राशि कहां से आई है इस पर भी जांच की जा रही है । श्री शाह ने बताया कि 5 लोग जो दिल्ली के दंगों में वित्तीय सहायता पहुंचा रहे थे उनकी शिनाख्त कर ली गई है। श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है वह कानून की गिरफ्त से भाग नहीं पाएंगे ।

दिल्ली के 4% क्षेत्र और 13% आबादी तक ही हिंसा सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है और यह 12 थानों तक ही हिंसा रुकी रहे यह एक अच्छा प्रयास रहा । दिल्ली के एक हिस्से में जो हिंसा हो रही थी वह दिल्ली के दूसरे भागों में न फैले इस दिशा में दिल्ली पुलिस द्वारा सकारात्मक कदम उठाए गए जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र है । श्री शाह ने कहा कि दंगा करने वाले किसी भी धर्म के हों, किसी भी जाति के हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा । वैज्ञानिक जांच के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी, यह इसलिए भी जरूरी है कि दंगा करने और कराने वालों के मन में कानून का भय बना रहे। श्री शाह ने यह भी कहा कि 24 फरवरी 2020 को दंगों की पहली सूचना प्राप्त हुई और 25 फरवरी रात 11:00 बजे अंतिम सूचना प्राप्त हुई और दिल्ली पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लेकर 36 घंटों के अंदर हिंसा को समेटने का काम किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि फेस आईडेंटिफिकेशन के लिए आधार कार्ड का उपयोग नहीं किया जा रहा है और किसी की निजता भंग नहीं की जा रही। बड़ी संख्या में लोगों को पहचान लिया गया है जो दंगा करते हुए, दंगों में लोगों का नुकसान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सभी 50 मामलों में 3 एस आई टी बनाकर डिटेल इन्वेस्टिगेशन किया जा रहा है । बगैर लाइसेंस के निजी हथियार चलने की सूचना भी प्राप्त हुई है जिसमें 49 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 52 लोगों की गिरफ्तारी हुई है । दंगों की फंडिंग करने वालों को पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे और उन्हें सजा मिलेगी । आईएसआईएस के संलिप्त होने के भी प्रमाण मिले हैं और पुलिस जांच की जा रही है।

अंकित शर्मा और रतन लाल की हत्या करने वाले दोषियों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है। भविष्य में दंगा न हो इसके लिए दिल्ली में दंगाइयों से जुर्माना वसूलने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति का भी प्रस्ताव है । लोगों के मन में विश्वास होना चाहिए कि नरेंद्र मोदी सरकार तेज गति से निष्पक्ष जांच करेगी। श्री शाह ने कहा कि जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए।

22 तारीख से 26 फरवरी तक जितनी भी फोर्स की आवश्यकता थी तैनाती की गई ।श्री अमित शाह ने कहा कि सी ए ए पर पूरे देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है उनके मन में भय पैदा किया गया है। सीएएए में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है इसमें केवल पीड़ित लोगों को नागरिकता दी जायेगी ।

श्री अमित शाह ने सदन को बताया कि 2 तारीख को जब सदन शुरू हुआ तब तक दंगा समाप्त हो चुका था और पुलिस जांच की कार्यवाही कर रही थी, वहां की व्यवस्था को ठीक करने में लगे थे और साथ ही होली का त्यौहार भी था । होली का त्यौहार सद्भावना का त्योहार है । यह आवश्यक था कि त्योहार के मौके पर लोगों की भावनाओं को शांत रखा जाए इसलिए होली के तुरंत बाद 11 और 12 तारीख को दोनों सदनों में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा गया ।

श्री शाह ने सदस्यों द्वारा न्यायाधीश के स्थानांतरण संबंधी प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि इस संबन्ध में निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के कोलोजियम द्वारा लिया जाता है, इसमें सरकार की दखलंदाजी नहीं होती है।

श्री शाह ने कहा कि सभी पार्टियों को एक होकर कहना होगा कि सी ए ए से किसी की भी नागरिकता नहीं जा रही। उनका यह भी कहना था कि एनपीआर के अंदर कोई भी दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा । सूचना देने के लिए विकल्प मौजूद हैं और उसके आधार पर सूचना दी जा सकती है और किसी को भी संदेह की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा । श्री शाह ने कहा कि देश के अंदर किसी को भी एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि यदि किसी को भी कोई संशय है तो मेरे साथ चर्चा कर सकते हैं। श्री शाह ने विपक्ष के सांसदों से कहा कि अब सीएए तथा एनपीआर पर भ्रांति खत्म होनी चाहिए।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश की कुछ बड़ी पार्टी के नेता लोगों को उकसा रहे थे और 14 दिसंबर की हेट स्पीच के बाद ही शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ । श्री शाह ने बताया कि इस तरह भड़काऊ भाषण 24 तारीख को दंगों की शक्ल में परिवर्तित हो गए।

श्री शाह का कहना था कि दिल्ली दंगों में पैसा पहुंचा है, सोशल मीडिया में भड़काया गया है इन सब की जांच चल रही है और कोई बच नहीं पाएगा ।

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