18.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक की अध्‍यक्षता की

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्‍यक्षता में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक आज नई दिल्‍ली में आयोजित की गई।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर विशेष जोर दिया कि शिक्षा एक राष्‍ट्रीय एजेंडा है, जो प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी से काफी गहराई से जुड़ी हुई है। उन्‍होंने इस बात का भी उल्‍लेख किया कि विगत में हमारा देश विश्‍व भर में ख्‍याति प्राप्‍त शै‍क्षणिक संस्‍थानों की बदौलत जीडीपी और आर्थिक व्‍यापार दोनों ही के लिहाज से विश्‍व स्‍तर पर उल्‍लेखनीय योगदान करता रहा था। उन्‍होंने शिक्षा की गुणवत्‍ता एवं शिक्षण से जुड़े परिणामों में बेहतरी पर ध्‍यान केंद्रित करने की जरूरत को रेखांकित किया।

इस बैठक में अनेक केंद्रीय मंत्रियों जैसे कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय में राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल, मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ. महेन्‍द्र नाथ पांडेय एवं श्री उपेन्‍द्र कुशवाहा और नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने भाग लिया।

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कहा कि कौशल एवं शिक्षा को कुछ इस तरह से आपस में एकीकृत करने की चुनौती हमारे सामने है, जिससे कि पहले से ही सृजित किए जा चुके शै‍क्षणिक ढांचे का अधिकतम इस्‍तेमाल कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने में किया जा सके। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि खेल एवं शिक्षा को निश्चित तौर पर आपसी तालमेल के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए क्‍योंकि इससे बच्‍चों की शारीरिक फिटनेस बेहतर होगी।

राज्‍यों के शिक्षा मंत्रियों और केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) के सदस्‍यों ने इस बैठक में हुई चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत ‘अनुर्तीण न करने के प्रावधान’की स्थिति पर केब की उपसमिति की रिपोर्ट राजस्‍थान के शिक्षा मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने पेश की।

बैठक में कई निर्णय लिये गये जिनमें कुछ कार्य सूची के हिस्‍सा थे और कुछ राज्‍य सरकारों तथा विशेषज्ञों द्वारा जताई गई आशंकाओं से संबंधित थे। निम्‍नलिखित प्रस्‍तावों को अपनाया गया:

(क) अप्रशिक्षित शिक्षकों एवं अनुत्तीर्ण न करने की नीति (नो डिटेंशन पॉलिसी) के विशेष उद्धरण के साथ शिक्षा के अधिकार पर चर्चा की गई। यह चिंता का मुद्दा है कि अध्‍ययन परिणामों में गिरावट आ रही है। इसलिए:

      (i) इस पर सहमति जताई गई कि अध्‍ययन परिणामों को संहिताबद्ध किया जायेगा एवं इसे शिक्षा के अधिकार नियमों का एक हिस्‍सा बनाया जायेगा।

      (ii) इस पर भी सहमति जताई गई कि अध्‍ययन परिणामों में सुधार लाने के लिए सभी हितधारकों को जवाबदेह बनाया जायेगा।

(iii) इस पर भी सहमति जताई गई कि केन्‍द्र सरकार उपयुक्‍त संशोधन पेश करेगी जो राज्‍यों को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ की समीक्षा करने की आजादी देगी।

 (iv) अगले पांच वर्षों के भीतर अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो जाना चाहिए।

(ख) लड़कियों की शिक्षा के मुद्दे पर विचार करने के लिए तेलंगाना के उप-मुख्‍यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री कदियाम श्रीहरि की अध्‍यक्षता में सीएबीई की एक उप समिति गठित करने का फैसला किया गया।

शिक्षा क्षेत्र में कुछ मुद्दों एवं चिंताओं को रेखांकित करने के लिए अध्‍ययन परिणामों में सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति की बुद्धिसंगत व्‍याख्‍या, राष्‍ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एनएएस), कक्षा 10 में अनिवार्य बोर्ड परीक्षा, आनंदपूर्ण शिक्षा, आंगनवाडि़यों को प्राथमिक विद्यालयों के साथ सह-स्थित करने पर संक्षिप्‍त प्रस्‍तुतिकरण की गई।

बैठक में केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकारों के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ-साथ 21 राज्‍यों के शिक्षा मंत्री, 28 राज्‍यों एवं केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, सीएबीई के सदस्‍य, स्‍वायत्तशासी  संगठनों के प्रमुख, विश्‍वविद्यालयों के उपकुलपति एवं सीएबीई के सदस्‍य सचिव उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More