नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। विश्वविद्यालय ने विभिन्न कार्यक्रमों में 2,00,000 डिग्री, डिप्लोमा तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये। दीक्षांत समारोह में 50 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रतिष्ठा और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आपकी उपलब्धि, आपके शिक्षकों और आपके अभिभावकों का आर्शीवाद है, जिन्होंने आपको निर्देशित किया और प्रतिष्ठा प्राप्त करने में आपकी सहायता की। उन्होंने वर्तमान समय में आवश्यक अकादमिक कार्यक्रमों को लॉन्च करने में इग्नू की विशेषज्ञता की सराहना की। उन्होंने कौशल आधारित पाठयक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए उचित माहौल बनाने की दृष्टि से तैयार किये गये हैं।
दूर तक पहुंच बनाने के लिए भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रमों के विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री ‘निशंक’ ने कहा कि विश्वविद्यालयों में हिंदी और संस्कृत के विकास में तेजी लाते हुए राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी को मान्यता देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विभिन्न विषयों का दायरा बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में नये अकादमिक कार्यक्रम चलाने पर इग्नू की सराहना की। ये सभी कार्यक्रम मौजूदा समय में बहुत प्रासंगिक हैं।
समग्र पंजीकरण अनुपात में इजाफा करने के लिए भी श्री ‘निशंक’ ने इग्नू की प्रशंसा की और कहा कि यह केवल पारम्परिक शिक्षा प्रणाली के आधार पर हासिल करना कठिन है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे रोजगार केन्द्रित कार्यक्रम शुरू करें और रोजगार सृजन में सहायता प्रदान करें।
जुलाई 2019 तथा जनवरी 2020 के मौजूदा भर्ती सत्र में नए छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि इग्नू उच्च शिक्षा में 30 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने के केंद्र सरकार के प्रयासों के अनुरूप जीईआर में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रोफेसर राव ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 26 नए शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनमें से 3 सामान्य स्नातक स्तर, 9 स्नातक ऑनर्स स्तर के और 3 ऑनलाइन कार्यक्रम हैं। ऐसा स्वास्थ्य विज्ञान, व्यवसायिक क्षेत्र, पर्यटन जलवायु परिवर्तन, योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
विश्वविद्यालय के 39 क्षेत्रीय केंद्रों में दीक्षांत समारोह का आयोजन एक साथ किया गया। मुख्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय मुख्यालय में हुआ।