नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ज़ूबिन इरानी से भेंट कर राज्यहित से सम्बंधित विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा कर उन पर शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया।
नैथानी ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए विगत वर्षो में स्वीकृत अनावत्र्ती मदों (निर्माण कार्या आदि) में रू0 106.12 करोड़ की केन्द्रांश की धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं की गयी हैं, जिससे यह कार्य प्रभावित हो रहे है। शिक्षकों का वेतन, उन्नति कार्यक्रम आदि के लिए वर्ष 2014-15 की रू0 2.60 करोड़ एवं वर्ष 2015-16 की रू0 16.74 करोड़ सहित कुल रू0 19.34 करोड़ की धनराशि भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश के रूप में अवमुक्त की जानी थी, लेकिन यह धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं की गयी है। इसलिए भारत सरकार को केन्द्रांश की धनराशि रू0 242.62 करोड़ अवमुक्त किये जाने का प्रास्तव दिया गया है। शिक्षा मंत्री नैथानी ने केन्द्रीय मंत्री से अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया।
उन्होनेें बताया कि उत्तराखण्ड सरकार को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत उच्चीकृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों तथा अध्यापकों पर औसतन रू0 46 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक व्यय-भार पड़ रहा है क्योंकि भारत सरकार द्वारा प्रधानाध्यापक के लिए रू0 48,150 प्रतिमाह तथा अध्यापक के लिये रू0 39,776 प्रतिमाह की दर से वेतन अनुमोदित किया गया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा प्रधानाध्यापक को औसतन रू0 70.00 हजार प्रतिमाह एवं अध्यापक को रू0 60.00 प्रतिमाह की दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है। उन्होनें केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत विगत वर्षो की अनावर्ती मदों हेतु रू0 106.12 करोड़, आवर्ती मदों की रू0 19.34 करोड़ वर्ष 2016-17 के लिए रू0 242.62 करोड़ सहित प्रधानाध्यापकों तथा अध्यापकों के वेतन पर होने वाले अतिरिक्त व्यय-भार रू0 46 करोड़ को शीघ्र अवमुक्त किया जाये।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विगत वर्ष भारत सरकार द्वारा विभिन्न मदों में अनुमोदित किये बजट के सापेक्ष राज्य को आंशिक धनराशि ही अवमुक्त की गयी है। जिसमें मुख्यतः विद्यालयों मे पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में 712 विद्यालयों में पेयजल संयोजन कराना है जिसके लिए लगभग रू0 600 लाख धनराशि की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त स्वच्छ विद्यालय अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में सभी विद्यालयों में बालक बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय सुविधा कर ली गयी थी लेकिन राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों यथा आपदा आदि के कारण वर्तमान में 1263 विद्यालयों में शौचालय सुविधा पूर्णत आंशिक रूप से बाधित हुयी है। स्वच्छ भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यालयों में शौचालयों के पुनर्निर्माण/मरम्मत के लिए रू0 1416.67 लाख का प्रस्ताव शीघ्र पी0ए0बी0(च्।ठ) से अनुमोदित करवाने का अनुरोध किया।
केन्द्रीय मंत्री ने राज्य के लंबित मुद्दों पर विचार कर शीघ्र ही अवशेष धनराशि अवमुक्त किये जाने का आश्वासन दिया।