नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और COVID-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए।इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20000 अभिभावक जुड़े।
केंद्रीय मंत्री ने अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होनें कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।
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— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) April 27, 2020
देशभर के अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए केंद्रीय मंत्री जी कहा कि देश इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। अभिभावकों के लिए ये समय और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की पढाई की और भविष्य की चिंता भी सता रही होगी। श्री निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है।
श्री पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशानिर्देश लेकर आएगा।
केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में अभिभावकों को बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया है। श्री निशंक ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक ने अपनी रूचि दिखाई है और आशा जताई कि बहुत जल्द हमें इसके तहत काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी।
इस संवाद के दौरान डॉ निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए।पटना से एक अभिभावक के एनसीआरईटी पुस्तकों की उपलब्धता के सवाल पर मंत्री जी ने कहा कि एनसीआरईटी ने लगभग सभी राज्यों में पुस्तकें भेज दी हैं और बहुत शीघ्र विद्यार्थियों को ये पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात सामान्य होने पर मुख्य विषयों के 29 पेपर्स की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
लॉक डाउन में विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान कैसे कम किया जाए इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मंत्रालय के विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के केवल दीक्षा प्लेटफार्म पर ही 80,000 से ज्यादा पाठ्यसामग्री उपलब्ध है और लॉकडाउन के समय में इसको उपयोग में लाने की दर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, उन्होंने आगे कहा कि इस समय करोड़ो विद्यार्थियों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लॉक डाउन के कारण शिक्षा का नुकसान ना हो इसके लिए एनसीआरईटी द्वारा वैकल्पिक कैलेंडर बनाया गया है और सीबीएसई को भी नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के करियर संबंधी, परीक्षा संबंधी और अन्य कई सवालों के जवाब दिए।
उन्होनें इस दौरान यह भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। इसी संदर्भ में कल वह सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे जिसमें विशेष रूप से कोविद-19 से उत्पन्न हुई शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा के बारे में चर्चा की जाएगी।
श्री निशंक ने इस वेबिनार से जुड़ने के लिए सभी अभिभावकों का आभार व्यक्ति किया और कहा कि अगले सप्ताह वह वेबिनार के माध्यम से विद्यार्थियों से जुड़ेंगे और उनसे संवाद स्थापित करेंगे।
उन्होनें अपने संवाद को ख़त्म करने से पहले सभी अभिभावकों का इस मुश्किल समय में धैर्य के साथ लॉकडाउन का पालन करने, सोशल डिस्टैन्सिंग और स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करते रहने के लिए आभार व्यक्ति किया और उनसे कोरोना के खिलाफ इस जंग में पूरी ईमानदारी के साथ भाग लेने के लिए धन्यवाद किया।