नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज नई दिल्ली के बाल भवन में राष्ट्रीय बाल असेंबली का उद्घाटन करते हुए कहा कि बच्चे हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक है। श्रीमती ईरानी ने घोषणा कि अगले वर्ष 26 जनवरी को भारतीय सैनिकों के लिए सीमा दर्शन नामक एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। श्रीमती ईरानी ने बाल भवन के अधिकारियों से पुरस्कार प्राप्त कलाकारों के लिए सीमा दर्शन की व्यवस्था करने की अपील की, जहां वे सैनिकों और रक्षाबलों के प्रदर्शन को देख सकेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 15 अगस्त, 2014 को की गयी घोषणा के एक वर्ष के भीतर की अवधि में विद्यालयों में छात्रों और छात्राओं के लिए पृथक प्रसाधनों का निर्माण के 100 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों, विद्यालय शिक्षकों और हितधारकों के द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों की भी सराहना की। मंत्री महोदया ने यह भी घोषणा कि इस वर्ष दिसंबर में एक राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सव ‘कला उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा जहां देशभर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के समूह अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम के विजेता को 5 लाख रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बाल भवन के कलाकारों से भी इस कार्यक्रम में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लेने का आह्वान किया।
‘मेरा गांव, मेरी शान’ शीर्षक का परिचय देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्रों से अपने गांव, कस्बे अथवा शहर के नाम के साथ अपना परिचय और अपने जन्म स्थान के प्रति गर्व का भाव रखने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किए गए ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ई-पुस्तक को तैयार किया जाना चाहिए जिसमें बच्चों के प्रदर्शन को संरक्षित किया जा सके और इसे राष्ट्रीय बाल भवन की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।
उन्होंने बच्चों के द्वारा की गयी गायन, नृत्य और अन्य प्रस्तुतियों की भी सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा और साक्षरता, सचिव डॉ. एस.सी.खुनटिया, संयुक्त सचिव श्री जे.आलम, राष्ट्रीय बाल भवन की निदेशक डॉ. उषा कुमारी एम.सी. और देश के विभिन्न छात्र, शिक्षक और माता-पिता उपस्थित थे।