केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों में हाल ही में कोविड मामलों में वृद्धि पर चर्चा करने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक बुलाया।
बैठक में सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड के स्वास्थ्य सचिवों के साथ-साथ पूर्वोत्तर मंत्रालय के केंद्रीय सचिव, पूर्वोत्तर परिषद के सचिव और स्वास्थ्य मंत्रालय में पूर्वोत्तर के प्रभारी संयुक्त सचिव शामिल हुए।
मीडिया के कुछ वर्गों में प्रकाशित हुई खबरों पर संज्ञान लेते हुए कि पूर्वोत्तर क्षेत्र कोविड का अगला हॉटस्पॉट बन सकता है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह चिंताजनक बात है कि कोविड महामारी की अंतिम लहर में कई अन्य राज्यों की तुलना में पूर्वोत्तर कोविड से अपेक्षाकृत अप्रभावित रहा था और सिक्किम जैसे कुछ राज्यों में लॉकडाउन की अवधि के दौरान कोरोना के एक भी सकारात्मक मामले सामने नहीं आए थे। लेकिन इसके विपरीत इस वर्ष, लगभग पिछले दो सप्ताहों में, पूर्वोत्तर राज्यों में अचानक कोरोना के सकारात्मक मामलों में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वे पूर्वोत्तर राज्यों के सभी आठ मुख्यमंत्रियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और राज्यों द्वारा जो भी मदद मांगी जा रही है, उसे केंद्र द्वारा तुरंत मुहैया कराया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारा तत्कालिक संकल्प यह सुनिश्चित करने के लिए मार्ग तलाशने और साधन खोजने के लिए होना चाहिए कि विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना के सकारात्मक मामलों का बढ़ता ग्राफ गिरना शुरू हो जाए और वक्र तुरंत समतल होने लगे।
उन्होंने संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के संज्ञान में यह बात लाया कि आज सुबह जारी किए गए अनुमानों में त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों में सकारात्मक मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाया गया है जबकि नगालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के कुछ विशिष्ट जिलों की पहचान की गई है जो तुलनात्मक रूप से बहुत ज्यादा संक्रमण दिखा रहे हैं।
मंत्री ने कठोर प्रवर्तन, व्यापक परीक्षण और संपर्क ट्रेसिंग उपायों को करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी आवश्यक हो, कोविड-उपयुक्त व्यवहार और माइक्रो कंटेनमेंट जोन का पालन करने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जाने चाहिए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि आने वाले सप्ताहों में केंद्र द्वारा सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पर्याप्त वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी और इसके लिए एक सूची को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से प्राथमिकता के आधार पर कोविड और स्वास्थ्य संबंधी प्रस्तावों को भेजने के लिए कहा और वादा किया कि केंद्र द्वारा ऐसे प्रस्तावों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डोनर मंत्रालय ने राज्यों द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर कार्रवाई करने के लिए 2 जून को बैठक बुलाई है, लेकिन अब तक केवल चार राज्यों ने ही ऐसे प्रस्ताव भेजे हैं। उन्होंने अन्य राज्यों से भी तात्कालिक आधार पर अपने अनुरोध को भेजने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, ऑक्सीजन प्लांटों, मोबाइल परीक्षण वैन और महामारी से लड़ने संबंधित सभी प्रस्तावों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे पूर्वोत्तरके सभी 8 राज्यों से कोविड प्रसार और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं और बुनियादी संरचना के बारे में दैनिक रूप से अपडेट ले रहे हैं, जिससे महामारी से प्रभावी रूप से लड़ा जा सके। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सभी पूर्वोत्तर राज्यों में पर्याप्त बिस्तर क्षमता और ऑक्सीजन स्टॉक मौजूद है। उन्होंने कहा कि डोनर मंत्रालय और एनईसी, कोविड से संबंधित बुनियादी संरचना को पूरा करने और बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों में से प्रत्येक राज्य में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए जापान और यूएनडीपी द्वारा प्रदान की जा रही सहायता का भी उल्लेख किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी के पहले चरण में, पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों ने कोविड-19 का प्रबंधन बहुत ही प्रभावी रूप से किया और पूरे देश में यह क्षेत्र कोरोना प्रबंधन के मॉडल के रूप में उभरा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त किया कि महामारी के दूसरे चरण में, इस क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा तबाही हो रही है। मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे करोना मामलों की बढ़ती संख्या और मौत को रोकने के लिए अगले सप्ताह तक एक व्यापक रोडमैप तैयार करें।