नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक,लोक शिकायत,पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिएकेंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की 18वीं खंडपीठ का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद संबोधन में डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के सेवा संबंधित मामलों से विशेष रूप से निपटने के लिए जम्मू की कैट बेंच की स्थापना से न केवल विभिन्न न्यायालयों का बोझ कम होगा और इस तरह उन न्यायालयों को अन्य मामलों को तेजी से निपटाने के लिए अधिक समय मिलेगा बल्कि प्रशासनिक न्यायाधिकरण के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी शिकायतों और सेवा मामलों के संबंध में त्वरित राहत भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शिता और “सबके लिए न्याय”(जस्टिस फॉर ऑल) के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले छह वर्षों के दौरान किए गए लोगों के अनुकूल सुधारों ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों सहित पूरे देश को लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लाभ के लिए 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद से 800 से अधिक केंद्रीय कानूनजम्मू-कश्मीर पर लागू किए गए हैं जो पहले वहां लागू नहीं थे और, अब वहां के लोग देश के अन्य लोगों के समान अधिकारों का लाभ ले रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने उम्मीद जताई कि लगभग 30,000 लंबित मामलों को समयबद्ध और विवेकपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी की सभी तीनों प्रमुख एजेंसियां कैट, सीआईसी और सीवीसी अब केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कार्यरत हैं। इससे पहले, प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम, 1985 (1985 के 13) की धारा 5 की उपधारा (7) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 28.05.2020 को जारी एक अधिसूचना में केंद्र सरकार ने जम्मू और श्रीनगर को ऐसे स्थानों के रूप में निर्दिष्ट किया जिस पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की बेंचें आम तौर पर बैठेंगी। इसी तरह, केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी)ने 15.05.2020 से केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आवेदकों के सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के आवेदनों पर सुनवाई शुरू कर दी है। डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्तश्री संजय कोठारी ने 5 मई,2020 को उन्हें बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के अधिकार क्षेत्र को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर विस्तारित कर दिया गया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अध्यक्ष माननीय श्री जस्टिस एल. नरसिम्हा रेड्डी ने स्वागत भाषण दिया। उद्घाटन समारोह को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश सुश्री गीता मित्तल और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री गिरीश चंद्र मुर्मू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, जम्मू के सदस्य न्यायिकश्री राकेश सागर जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।