केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अन्तरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आजयहां कहा कि डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) अधिकारियों की पदोन्नति और सशक्तिकरण में तेजी लाने का लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे प्रत्येक सरकारी अधिकारी समय पर उसेप्राप्त कर सके साथ ही कर्मचारी अपनी अधिकतम क्षमता के साथ योगदान करने में सक्षम रहे।
पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों, जिन्होंने आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में शामिल होने के अपने मामलों में तेजी लाने का अनुरोध किया है, उनसे बात करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा की अतीत में ऐसे मामलों में लगातार देरी होने की प्रवृत्ति थी। लेकिन पिछले छह वर्षों में इन प्रक्रियाओं को आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ व्यवस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, डीओपीटी ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में पदोन्नति के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है।
साथ ही डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न श्रेणियों में कई मुकदमें चलने के कारण अक्सर पदोन्नति में देरी होती है, जिसे डीओपीटी, मीडिया के माध्यम से लगातार आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। राज्य/प्रांतीय सेवा के अधिकारियों को अखिल भारतीय सेवा में शामिल करने के मामले पर उन्होंने कहा कि कई बार राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेश सरकारों द्वार कैडर की होने वाली समीक्षा में देरी भी इसका एक कारण है। इसके लिए भी डीओपीटी अलग-अलग राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ लगातार समीक्षा और जरूरी कार्रवाई करता रहता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, जहां तक पंजाब सिविल सर्विसेज का संबंध है, तो डीओपीटी पहले ही उनके मामलों पर कार्रवाई कर चुका है और यूपीएससी ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे, जिनका जवाब राज्य सरकार को देना था। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, उनका मानना है कि अधिकारियों की समयबद्ध पदोन्नति/ सशक्तिकरण और वेतन वृद्धि,अधिकारियों को अपनी अधिकतम क्षमता के साथ काम करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत सरकार ने अधिकारियों के लिए काम का अनुकूल वातावरण प्रदान किया है जिससे उनकी पहल और उत्साह में किसी भी कारण से समझौता न हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप और समर्थन से लाए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने 2018 में लाये गये भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम का उल्लेख किया जिसमें मामलों के समयबद्ध निपटान की परिकल्पना की गई है।अभियोजन के लिए पूर्व अनुमति के साथ यह विधेयक उन अधिकरियों को सुरक्षा प्रदान करता है जो अपना कार्य ईमानदारी से करते हैं।