केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज अधिकारियों को जम्मू के सीमावर्ती इलाके हीरानगर में बन रहे अरुण जेटली मल्टीपल कॉम्प्लेक्स के काम में तेजी लाने के लिए कहा, जो कि देश के तीन या चार सबसे बड़े मनोरंजन सह खेल परिसरों में शामिल होने जा रहा है। संभवत: यह अहमदाबाद और ईडन गार्डन, कोलकाता के बाद देश में सबसे बड़े खेल परिसरों में से एक होगा।
परियोजना स्थल का दौरा करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने परियोजना की प्रगति की दैनिक आधार पर निगरानी करने और शेष सभी औपचारिकताओं और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने और इसे कल से इसकी शुरुआत करने का निर्देश दिये। उनके साथ इस दौरे पर संभाग आयुक्त राघव लैंगर, सचिव खेल परिषद नुजहत गुल, जिला विकास परिषद अध्यक्ष कर्नल महान सिंह, उपायुक्त राहुल यादव, नगरपालिका अध्यक्ष विजय शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप संबंधित अधिकारियों से प्रगति की नियमित अपडेट प्राप्त करते रहेंगे।
अरुण जेटली को याद करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा यह परियोजना देश के युवाओं को समर्पित है और स्वर्गीय श्री अरुण जेटली की स्मृति में पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ यह योजना बनाई गई थी, जो युवाओं की प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे, साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई होनहार युवाओं का मार्गदर्शन किया था। उन्होंने याद किया कि उनकी पिछली जम्मू यात्रा जेटली जी के साथ हुई थी, जहां पर हीरानगर के लोगों ने उनके सामने इस प्रकार के परिसर की स्थापना की मांग रखी थी, लेकिन इससे पहले कि वे इस पर विचार कर पाते, उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और उनका निधन हो गया, जिसके बाद हमने एक ऐसे परिसर की स्थापना करने की जिम्मेदारी ली जो कि अरुण जेटली जी के लंबे कद और दूरदृष्टि के अनुरूप होगा।
केंद्र द्वारा वित्तपोषित और 37 एकड़ भूमि में फैली हुई इस परियोजना के संदर्भ में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके पूरा हो जाने के बाद यह न केवल हीरानगर बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत के मानचित्र पर सामने लेकर आएगा और आने वाले समय में यहां पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के आधार पर यह एक अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में जाना जाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना का शिलान्यास अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि के तुरंत बाद किया गया था, लेकिन कोविड महामारी में वृद्धि होने के कारण इसके निर्माण में व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस बीच, असम में विधानसभा चुनाव हुए जिसके बाद जिला विकास परिषद के भी चुनाव हुए और कोविड संक्रमण के कारण उन्हें भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे बीत चुके समय की भरपाई करे और इस परियोजना के पूरा होने की ढाई से तीन वर्ष के बीच की समयसीमा का पालन करने कीपूर्ण रूप से कोशिश करें।