25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा पाकिस्तानी शरणार्थियों ने नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दिया है

देश-विदेश

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान के दो शरणार्थी, डॉ. मनमोहन सिंह और इंद्र कुमार गुजराल भारत देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, लेकिन विरोधाभास यह भी रहा है कि इसी श्रेणी के अन्य शरणार्थी जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में रहने का विकल्प चुना, उन्हें राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान करने या राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने का अधिकार भी प्रदान नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को निरस्त करने के साथ ही इन विसंगतियों को समाप्त कर दिया, अब जम्मू और कश्मीर में रहने वाला कोई भी पाकिस्तानी शरणार्थी चुनाव लड़ सकता है और विधायक या मंत्री और यहां तक कि जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा भी रख सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के नजदीक आयोजित पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों की एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले वे ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह के पैतृक गांव बगोना गए, जो 1947 में हुए पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिन शरणार्थियों को पाकिस्तान से उखाड़ फेंका गया और जिन्हें विभाजन के बाद अल्पावधि नोटिस पर भारत में शरण लेने के लिए अपने घरों को छोड़ना पड़ा, उनके पास विभाजन की त्रादसी से गुजरने के बाद संघर्ष और पुनरुत्थान का प्रेरणादायक इतिहास रहा है और विभाजन के बाद हुए दंगों में इन्होंने अपने कई परिजनों और प्रियजनों को भी खोया है। मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया है और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और इंद्र कुमार गुजराल पश्चिम पाकिस्तान के पूर्व निवासी हैं, जबकि पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी कराची के निवासी थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अफसोस व्यक्त किया कि दुर्भाग्यवश अनुच्छेद 370 के नाम पर कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले तत्वों और साजिशकर्ताओं ने अपनी राजनीतिक स्वार्थों के कारण, पाकिस्तानी शरणार्थियों, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर में रहने का विकल्प चुना, को नागरिकता के बुनियादी अधिकारों के साथ-साथ अपने समकक्षों के लिए उपलब्ध अन्य अवसरों से भी वंचित कर दिया, जिन्होंने 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के अन्य स्थानों में रहने का विकल्प चुना था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प को पूरा श्रेय देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और उसके आस-पास के इलाकों में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को मोदी के प्रधानमंत्री बनने और इस विसंगतियों की समाप्ति के लिए 72 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा। पिछले तीन वर्षों में, इस वर्ग के लोगों को न केवल दूसरे भारतीयों के लिए उपलब्ध सभी संवैधानिक अधिकार प्रदान किए गए हैं बल्कि वे भारत के नागरिक के रूप में आत्म-सम्मान और अपनापन की महसूस कर रहे है।

भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा होने का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने विश्व में एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश के रूप में विकसित होने की अपनी क्षमता और अंतर्निहित शक्ति को साबित कर दिया है और अब वह 25 वर्षों के सबसे महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अमृत महाकाल’ कहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आशा व्यक्त किया कि अगला 25 वर्ष भारत के विकास गाथा का स्वर्णिम अध्याय लिखेगा और इसमें जम्मू-कश्मीर की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर जैसे गौण क्षेत्रों की अज्ञात क्षमता का अब उपयोग किया जा रहा है और जम्मू-कश्मीर में कई नए स्टार्ट-अप पहलों, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में, की शुरूआत की जा रही हैं।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का आयोजन करने में वयोवृद्ध कार्यकर्ता लाभा राम गांधी के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त किया कि अन्य भारतीयों की तरह जम्मू-कश्मीर में रहने वाले पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थी भी मोदी के 2047 के भारत निर्माण में अपना योगदान देने के लिए उत्साहित महसूस करेंगे।

अपने संबोधन में लाभा राम गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रति अपने समुदाय की ओर से पूरी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी और भाजपा सरकार के कारण ही पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को न्याय प्राप्त हुआ है।

इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आरके शर्मा ने, भारत की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार को भारतीय सेनाओं और पूर्व सैनिकों का देशभक्तिपूर्ण और राष्ट्रवादी समर्थन देने की बात की।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More