केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र में छह जिलों के सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के साथ विस्तृत बातचीत की और उनके साथ कोविड से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
इस वर्चुअल बैठक के दौरान डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सा एवं प्रशासनिक उपायों के साथ-साथ कोविड का सामुदायिक प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि, “घबराहट की बजाय सावधानियां ही” इस महामारी से लड़ाई की प्रमुख कुंजी हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने समुदाय के नेताओं से जरूरी दवाओं और ऑक्सीजन की अनावश्यक जमाखोरी के बारे में जागरूकता पैदा करने का भी आग्रह किया, इस जमाखोरी को उन्होंने मानवता के खिलाफ एक अपराध करार दिया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने संतोष व्यक्त किया कि कठुआ, उधमपुर, डोडा, रामबन तथा किश्तवाड़ जिलों में ऑक्सीजन सयंत्र स्थापित किए गए हैं और कठुआ एवं उधमपुर में ये कार्यरत हैं, जबकि डोडा में प्लांट अगले सप्ताह से चालू हो जाएगा। साथ ही रामबन और किश्तवाड़ में ऑक्सीजन सयंत्र इस महीने के अंत तक काम करने लगेंगे। उन्होंने संकट के समय में गंभीर रोगियों के बीच जरूरी उपकरणों का वितरण समान रूप से करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर तथा वेंटिलेटर के ऑडिट के बारे में फिर से जोर दिया।
वेंटिलेटर संचालन की कार्य प्रणाली के लिए तकनीकी कर्मचारियों की कमी के बारे में एक्टिविस्ट्स के प्रश्न का उत्तर देते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह अधिकारियों के संपर्क में हैं और उन्होंने वेंटिलेटर संचालन के लिए एक छोटी अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रस्ताव भी रखा है। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि महामारी को देखते हुए कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के नामांकन के वास्ते निर्देश जारी किए गए हैं।
अधिकांश कार्यकर्ताओं और जन प्रतिनिधियों ने डॉ जितेंद्र सिंह से उनके संसदीय क्षेत्र के सभी छह जिलों में टीकाकरण प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि, टीकाकरण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह इसकी जांच कर रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री ने जिला प्रशासन और सामुदायिक भागीदारी के सहयोग से टीका जागरूकता अभियान की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कोविड से संबंधित उपायों के लिए अपने सांसद कोष से हाल ही में आवंटित किए गए 2.5 करोड़ रुपये के खर्च के संबंध में जन प्रतिनिधियों के विचार मांगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, उन्होंने यह निर्णय महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व संकट को देखते हुए लिया है, जिसके लिए हममें से प्रत्येक से यह अपेक्षा की जाती है कि जो भी संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं, हम उनका योगदान दें। उन्होंने कहा, इस राशि का उपयोग ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने या ऑक्सीमीटर, मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई किट, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा कोविड से संबंधित अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए किया जा सकता है।
इससे पहले डॉ जितेंद्र सिंह ने इस हफ्ते ही, अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए ट्रक-भर कर फेस मास्क, सैनिटाइजर, एंटीसेप्टिक्स, टॉयलेट्री आइटम, इम्युनिटी बूस्टर और कोविड महामारी में उपयोग के लिए सहायक उपकरणों तथा वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला अलग-अलग किट में उपलब्ध करवाई थीं। अपने निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से ऐसी और अधिक सामग्री की मांगों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह भविष्य में भी एक नियमित विशेषता होने जा रही है। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री ट्रक का दूसरा जत्था अगले सप्ताह भेजा जाएगा क्योंकि लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण इनकी खरीद में कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं।
अंत में, डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वयं के संसाधनों से सुदूरवर्ती और दूर दराज के क्षेत्रों में जरूरतमंदों की “सेवा” गतिविधियों के आयोजन के लिए जिला प्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की। लॉकडाउन और महामारी के कारण आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे संकटग्रस्त लोगों को भी सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।