केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब तक प्राप्त किए गए टीकाकरण अभियान के लक्ष्यों का मूल्यांकन किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने इसके साथ ही योजनाबद्ध रोडमैप पर चर्चा करने के लिए नागरिक सचिवालय में आयोजित किए गए लगभग दो घंटे की लंबी बैठक में जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकारियों के साथ टीकाकरण अभियान की समीक्षा भी की। पूरे देश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कल से “सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण” अभियान की शुरूआत की जा रही है।
बैठक में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अटल ढिल्लू, जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर, राघव लंगर, जम्मू सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉ शशि सूदन, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज श्रीनगर की प्रिंसिपल, डॉ. शमीया, परिवार कल्याण एवं प्रतिरक्षण महानिदेशक, डॉ सलीम उर रहमान, मिशन के निदेशक, चौधरी मोहम्मद यासीन, जम्मू स्वास्थ्य सेवाओं कीनिदेशक, डॉ रेणु शर्मा और स्वास्थ्य सेवाएं कश्मीर के निदेशक,डॉ मुश्ताक अहमद राथर तथा अन्य व्यक्ति शामिल हुए।
बैठक में एक प्रस्तुती के माध्यम से मंत्री को बताया गया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 76 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य को पहले ही प्राप्त कर लिया गया है और जून के अंत तक 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए शत प्रतिशत एवं जुलाई के अंत तक 18 से 45 उम्र के लोगों के लिए लगभग 50 प्रतिशत के लक्ष्य को भी प्राप्त कर लिया जाएगा।
मंत्री को 21 जून से देशव्यापी टीकाकरण अभियान में शामिल किए जाने के बाद, यह भी सूचित किया गया कि 15 जुलाई तक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 18 से 45 वर्ष की उम्र के 30 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को टीकाकरण प्रदान कर दिया जाएगा।
डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा टीका लगवाने वाले लोगों के लिए अलग से वेटिंग और होल्डिंग जोन बनाने की बात करने के साथ ही उनके लिए 30 मिनट की होल्डिंग अवधि के दौरान जलपान की पेशकश करने की बात कही गई, जिससे टीकाकरण अभियान को और भी ज्यादा मेहमाननवाज और मैत्रीपूर्ण बनाया जा सके। उन्होंने टीकाकरण अभियान की सुविधा को भी बड़े स्तर पर बढ़ाने की बात की।
डॉ जितेंद्र सिंह को केंद्र शासित प्रदेश में वर्तमान कोविड प्रबंधन के संदर्भ में जानकारी प्रदान करते हुए उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक कोविड आइसोलेशन सेंटर उपलब्ध करावाया गया है जिसमें 5 बेड उपलब्ध हैं और परीक्षण की सुविधाएं भी उपलब्ध है। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में से 9 जिले ग्रीन जोन में, 2 ऑरेंज जोन में और 9 येलो जोन में आते हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किए गए सभी प्रयासों की सराहना करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात से संतुष्टि प्राप्त हो रही है कि शुरुआती समस्याओं के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, जम्मू में प्रबंधन और कोविड केयर भी पटरी पर आ चुके हैं और विभिन्न क्षेत्रों से सहायता प्राप्त करने के बाद सभी चीजों में सुधार हुआ है।उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के चरम पर होने के दौरान उठाए गए शुरुआती मुद्दों और आशंकाओं और इससे प्राप्त किए गए सबक, विशेष रूप से, सरकारी मेडिकल कॉलेज, जम्मू के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए बहुत मायने रखते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के चरम पर होने के दौरान, पॉजिटिविटी दर कश्मीर के साथ-साथ आठ पूर्वोत्तर राज्यों में बहुत ज्यादा थी, जिन पर वो निगरानी रख रहे थे, लेकिन जम्मू इलाके में, भले ही पॉजिटिविटी दर में कमी थी लेकिन मृत्यु दर ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि इससे संबंधितों सभी लोगों को एक वैज्ञानिक निष्कर्ष प्राप्त होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों में और भी ज्यादा सुधार करने की आवश्यकता है।
सभी के लिए वैक्सीन के महत्व पर बल देते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि टीकाकरण अभियान को जन अभियान में परिवर्तित करना न केवल केंद्र सरकार बल्कि नागरिक समाज की भी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उनके द्वारा पहले से लिए गए फैसलों और कदमों का सारा श्रेय प्रदान करते हुए.डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले ही दिन जब देश में टीकाकरण की शुरुआत हुई छह करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका प्राप्त हुआ, जो कि कई यूरोपीय देशों की कुल आबादी से ज्यादा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बात को प्रायः उजागर नहीं किया जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत देश को दुनिया में सबसे तेज गति से कोविड टीकाकरण अभियानों में शामिल होने का गौरव प्राप्त है, 135 करोड़ की विशाल आबादी की बाधाओं और विषम चरित्र वाले देश होने के बावजूद।
कुल मिलाकर, डॉ जितेंद्र सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का प्रशासन इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोविड प्रबंधन का पैरामीटर पूरे देश का तुलनात्मक विश्लेषण करने में केरल के बाद दूसरे स्थान पर हैं।