नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू एवं कश्मीर के पूरे केंद्र शासित प्रदेश के पार्षदों/कॉरपोरेटरों के साथ कोविड-19 संबंधित मुद्वों पर चर्चा की।
डेढ़ घंटे लंबे चले वीडियो कांफ्रेंस के जरिये परस्पर बातचीत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न नगर पालिका निकायों के प्रतिनिधियों के साथ इनपुट का आदान प्रदान किया। अपने विचार प्रस्तुत करने वाले प्रमुख लोगों में जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता, अनंतनाग के हिलाल शाह, लेह के डॉ. इशे, कठुआ के नरेश कुमार, हीरानगर के विजय कुमार शर्मा, कुपवाड़ा के रियाज अहमद मीर, उधमनगर के डॉ. योगेश्वर गुप्ता, बिल्लावार के उमाकांत बसोत्रा, भाद्रवाह के डॉ. शाहिद मुगल, डोडा के वेद प्रकाश, रियासी के सुदेश पुरी, राजौरी के मोहम्मद आरिफ, कटरा के शशि कुमार एवं अजय बारू, किश्तवार के रयाज, बतोले के एस. रविंदर सिंह एवं रामबन के अमित ठाकुर शामिल थे। आरंभ में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोविड-19 संकट प्रबंधन के संबंध में सरकार के दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्चयन के लिए सिविल सोसाइटी एवं प्रशासन के बीच सटीक समन्वयन तथा लॉकडाउन सुनिश्चित करने में उनके पूर्ण सहयोग के लिए सभी पालिका निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह यह नोट करके विशेष रूप से प्रसन्न हैं कि विभिन्न जिलों के जिला क्लक्टर और उपायुक्त स्वैच्छिक रूप से स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों से प्राप्त सहयोग की प्रशंसा कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद धीरे धीरे कुछ छूट दिए जाने के साथ, अब बड़ी चुनौती देश के अन्य भागों में रह रहे लोगों के जम्मू एवं कश्मीर से वापसी की आवाजाही की होगी जो अब अपने घरों को लौटना चाहते हैं या मजदूरों सहित वैसे लोगों की जो अपने संबंधित राज्यों में लौटने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि वह जम्मू एवं कश्मीर से छात्रों, जो देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं एवं घर पर रह रहे उनके माता पिता से भी अनगिनत आग्रह प्राप्त कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सार्वजनिक प्रतिनिधियों, विशेष रूप से स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों, जिनका जमीनी स्तर पर संपर्क है, द्वारा लोगों को यह समझाने कि आवाजही और वापसी केवल छोटे समूहों में हो सकती है और वह भी कार्यनीतिक और सावधानी के साथ, में मिलने वाले सहयोग का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हम जल्दीबाजी में कोई जोखिम नहीं मोल ले सकते और कहा कि कठुआ जिले से एक सबक लिया जा सकता है जो अभी तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद दोनों ही पक्षों से लोगों की भारी भीड़ के बावजूद कोरोना मुक्त था, लेकिन अचानक पिछली शाम एक कोरोरोना पॉजिटिव केस पाया गया जब महाराष्ट्र में काम कर रहा एक व्यक्ति बिना अनुशंसित दिशानिर्देशों का अनुपालन किए अपने गांव हीरानगर लौट आया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी इस बात के लिए इच्छुक हैं कि विभिन्न स्थानों पर फंसे व्यक्ति अपने परिवारों से मिल सकें, लेकिन उन्होंने इस संबंध में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि तथापि, देश के किसी भी भाग में रह रहे ऐसे लोगों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उनकी समस्याओं के बारे में कोई भी सूचना प्राप्त होती है, स्थानीय जिला प्राधिकारी ऐसे लोगों के समूहों से संपर्क स्थापित कर लेते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उस भावना की भी सराहना की जिसके साथ सिविल सोसाइटी ने पिछले चार सप्ताहों के दौरान मजदूरों को राशन एवं भोजन देने में योगदान दिया और कहा कि जब कभी कोई भी मुद्वा संज्ञान में लाया जाता है तो संबंधित प्रशासन और निगम/नगर पालिका निकाय सदस्य तत्काल पूरक सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध हो जाते हैं।