16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. पाण्डेय ने वाराणसी के PMKK सेंटर्स का दौरा किया

उत्तर प्रदेश

कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों से लड़ने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने देश के एक लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित करने के लिए ‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ की शुरूआत की है। पिछले शुक्रवार (18 जून) को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया था। उसी क्रम में आज चन्दौली के सांसद एवं केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने वाराणसी के प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (PMKK) का दौरा किया। इस दौरान डॉ. पाण्डेय ने सेंटर्स में प्रशिक्षण ले रहे छात्रों के साथ मुलाकात की और उन्हें संबोधित करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण संस्थानों में शुरु किया जाएगा। इसकी सफलता के आधार पर जल्द ही इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अनेक विशेषज्ञों एवं हितधारकों के साथ परामर्श करके तैयार किया गया है। इस कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स को पूरा करने में दो से तीन माह का समय लगेगा और इसके अंतर्गत देश के युवा कोविड -19 से लड़ने के लिए अपनी स्वास्थ्य सेवाएँ देने के लिए तत्काल तैयार भी हो सकेंगे।
वाराणसी के PMKK सेंटर्स का दौरा करने पर माननीय केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. पाण्डेय ने कहा कि, ‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ देश के युवाओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। इसके द्वारा युवाओं को हेल्थकेयर सेक्टर के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि कोरोना जैसी महामारी के समय वे राष्ट्र की सेवा कर सके। कौशल प्रशिक्षण का कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान है। इससे हमारे डॉक्टर और नर्सों पर बोझ कम होगा और युवाओं को भविष्य में जॉब के अनेक बेहतर अवसर मिलेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक सेवाओं से संबंधित और प्रासंगिक भूमिकाओं में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों की स्किलिंग और अपस्किलिंग करना है। पहचान किए गए नए जॉब रोल्स में बेसिक केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट, होम केयर सपोर्ट, मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट शामिल हैं। इस कार्यक्रम में एक शार्टटर्म प्रशिक्षण शामिल होगा, जिसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, डायग्नॉस्टिक सुविधाओं, सैम्पल कलेक्शन सेन्ट्रस आदि जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं में 3 महीने की ऑन द जॉब ट्रेनिंग शामिल होगी।
ये छह कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल (HSSC) द्वारा कम से कम समय में विकसित किए गए हैं, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवर शामिल हैं और ये स्किल रेग्युलेटर अर्थात् NCVET द्वारा अनुमोदित है। राज्यों से प्राप्त मांग के आधार पर, राज्यों में कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षणों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
उम्मीदवारों को मिलने वाले लाभों में एक सरकारी प्रमाणन, वजीफा, 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, आवास और भोजन शामिल हैं। राज्यों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे उम्मीदवारों का टीकाकरण करवाएं, उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराएं और उनके लिए मूवमेंट पास की सुविधा दें। प्रशिक्षण के गुणवत्ता परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेनिंग सेंटर (टीसी) सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, प्रशिक्षण सामग्री की उपलब्धता, बैच अटेन्डेन्स और स्ट्रेन्थ सहित प्रशिक्षण की नियमितता, प्रशिक्षक योग्यता, ट्रेनिंग ऑफ़ ट्रेनर (टीओटी) प्रमाणीकरण और अन्य चीज़ों पर पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ नियोजित होने से पहले ही अनुभवी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और PMKVY प्रमाणित उम्मीदवारों की अपस्किलिंग पर भी काम करेगा। इन प्रयासों के साथ कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का लक्ष्य हेल्थकेयर सेक्टर में गुणवत्तापूर्ण सहायता प्रदान करना और कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान देना है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More