केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर), संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी 23 से 25 सितंबर के बीच अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर थे। अपनी यात्रा के नागालैंड चरण के एक भाग के रूप में केंद्रीय मंत्री ने कई विकास कार्यों का उद्घाटन किया और नागालैंड में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा की।
अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने नागालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफ्यू रियो और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बुनियादी ढांचे और पर्यटन के संबंध में कई विकास परियोजनाओं पर चर्चा की। बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट करके कहा, “हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 8 पूर्वोत्तर राज्यों को विकास का इंजन बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।”
मंत्री ने योजना और समन्वय विभाग और योजनाओं के अन्य कार्यान्वयन विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी की। बैठक में उन्होंने कहा, “मैं नागालैंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस बातचीत के लिए यहां उपस्थित होकर बहुत खुश हूं। हाल ही में नीति आयोग ने डोनर मंत्रालय के साथ मिलकर जिला स्तर पर एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 जारी किया है। सूचकांक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विकास स्थिति को मापता है। नागालैंड एसडीजी इंडिया 2021 इंडेक्स में 28 राज्यों में 21वें स्थान पर है और इसमें सुधार के लिए केंद्रित दृष्टिकोण की काफी गुंजाइश है। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, “कुछ लक्ष्यों जैसे ‘लैंगिक समानता’, ‘सभ्य कार्य और आर्थिक विकास’, ‘भूमि पर जीवन’ आदि पर नागालैंड ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे विश्वास है कि राज्य शेष लक्ष्यों को 2030 से पहले प्राप्त करने के रास्ते पर है।”
अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कोहिमा, नागालैंड में राज्य मिट्टी और जल संरक्षण निदेशालय में राज्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी उद्घाटन किया। परियोजना को डोनर मंत्रालय के तहत फंड प्रदान किया गया है और इसका उद्देश्य नागालैंड के किसानों का कल्याण करना और इस प्रमुख कृषि भूमि में लाभदायक फसलों को प्राप्त करने में मदद करना है। उन्होंने कहा, “मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं और मिट्टी में तकनीकी हस्तक्षेप के महत्व को समझता हूं। यह मृदा परीक्षण प्रयोगशाला अत्याधुनिक प्रणाली है और मुझे विश्वास है कि नागालैंड में कृषि बिरादरी लाभान्वित होगी।”
श्री जी किशन रेड्डी ने नागालैंड के कोहिमा में कोहिमा वॉर सेमटेरी में अप्रैल 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए बहादुर भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी। यह युद्ध कब्रिस्तान उन सैनिकों को समर्पित एक स्मारक है, जिन्होंने जापानियों के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी। इसके अलावा उन्होंने कोहिमा में पारंपरिक झोपड़ी का भी दौरा किया। इस तरह की पारंपरिक झोपड़ियां मुख्य रूप से स्थानीय जंगलों में पाई जाने वाली सामग्री से बनाई गई हैं और पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ हैं। वे हल्के हैं और भूकंप संभावित उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अच्छी तरह फिट हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “ये झोपड़ियां अविश्वसनीय रूप से सुंदर और स्वदेशी रूप से निर्मित हैं जो नागालैंड की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।”
मंत्री ने नागालैंड के दीमापुर में प्रशिक्षण एवं परीक्षा केंद्र की आधारशिला भी रखी। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि इस केंद्र को डोनर मंत्रालय द्वारा एनईएसआईडीएस के तहत 15.50 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह संस्थान शिक्षकों और छात्रों को समान रूप से लाभान्वित करेगा और एक दिन यह पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए एक आदर्श बन सकता है।
मंत्री ने नागालैंड के दीमापुर में सोविमा गांव को थाहेखु गांव से जोड़ने वाले एनएच-29 से सड़क के निर्माण और उसे चौड़ा करने के कार्य का भी उद्घाटन किया।