केंद्रीय उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज पूर्वोत्तर के चार राज्यों यानी असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की।
श्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि धन प्रवाह की केंद्रीय नोडल एजेंसी-सीएनए प्रणाली का उचित कार्यान्वयन और केंद्रीय नोडल एजेंसी-सीएनए खाते में बिना खर्च की गई बची हुई राशि की समय पर वापसी सुनिश्चित करें।
श्री रेड्डी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट व्यय पर भी चर्चा की और राज्य सरकार से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय-एमडीओएनईआर को गुणवत्तापूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्यों को सूचित करते हुए कहा कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की फील्ड टेक्निकल स्टेट्स यूनिट्स (एफ़टीएसयूएस) राज्यों में सभी आवश्यक सहायता और समन्वय प्रदान करने के लिए स्थापित की गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को बजटीय आवंटन का 100 प्रतिशत उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।
मंत्री महोदय ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 2022-23 और 2023-24 में स्वीकृत की जा रही परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट-डीपीआर जमा करने की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकारों और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय दोनों के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे हर स्तर पर बेहतर समन्वय बनाकर परियोजना जीवनचक्र की गति में तेजी लाएं।
श्री जी. किशन रेड्डी ने आगामी वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन पर भी विस्तृत चर्चा की और पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने आगे कहा कि शिखर सम्मेलन निवेशकों के लिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र की क्षमता को प्रोजेक्ट करने और प्रत्येक क्षेत्र में कई अवसरों को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर होगा। उन्होंने इस बारे में सुझाव दिया कि राज्य व्यवसाय करने में आसानी की प्रक्रिया, जैसे फास्ट-ट्रैकिंग अनुमोदन और लाइसेंस, एकल खिड़की प्रणाली को अपग्रेड करना और सभी निवेशक प्रश्नों को हल करने के लिए जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने में सुधार करने के लिए पहल कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भूमि की उपलब्धता, क्रेडिट की सफलता, प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना विकसित करने और संबंधित राज्यों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और प्रोत्साहनों के संबंध में आवश्यक परिवर्तन, निवेशकों के हित को आकर्षित करेंगे और शिखर सम्मेलन को एक बड़ी सफलता बनाएंगे।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने राज्य सरकारों को यह भी बताया कि मार्च, 2023 के महीने में एक वैश्विक पर्यटन निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और उनसे इस बात का प्रसार करने और भागीदारी को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया।
मंत्री महोदय ने नई पूर्वोत्तर निवेश विकास योजना शुरू करने के लिए राज्यों से अपने विचार साझा करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई पूर्वोत्तर निवेश विकास योजना के सफल कार्यान्वयन में राज्य प्राथमिक हितधारक होंगे और यह सुनिश्चित करने में उनका सहयोग महत्वपूर्ण होगा कि यह योजना क्षेत्र के लक्ष्यों और वास्तविकताओं को दर्शाती है।
श्री जी. किशन रेड्डी ने उत्तर पूर्वी राज्यों में जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी की प्रगति की भी समीक्षा की और केंद्र सरकार से सभी आवश्यक समर्थन और सहयोग का वादा किया।
श्री जी. किशन रेड्डी ने शिक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में आयोजित किए जा रहे और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और रेल मंत्रालय द्वारा समर्थित आगामी “युवा संगम” दौरों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विद्यार्थी शेष भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करेंगे और शेष भारत के विद्यार्थी पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन पांच सिद्धांतों-परंपरा, पर्यटन, प्रगति, उत्पादन और परसपर संपर्क पर आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने राज्यों से जागरूकता फैलाने और विद्यार्थी को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया।