नई दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने वैज्ञानिक समुदाय से अपील की है कि वे वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को महाशक्ति
बनाने के लिए पेशेवर रूझान को समरूप बनाएं। डॉ. हर्ष वर्धन ने यह बात पुणे में आज अगरगर अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों और छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए कही।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि ज्यादा बड़े सपने बड़ी प्रयोगशालाओं की तुलना में ज्यादा उत्पादक होते हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने अतीत में भारतीयों की महान उपलब्धियों का जिक्र करते हुए सर जे.सी बोस, सर सी.वी रमण, डॉ. मेघनाथ साहा और अन्य वैज्ञानिकों को याद किया। उन्होंने कहा कि अब हमें अत्याधिुक प्रयोगशालाएं मिल चुकी हैं और हमें तालमेल के साथ काम करने की जरूरत है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि भारत नैनो टेक्नोलॉजी के अनुसंधान के मामले में विश्व में तीसरे पायदान पर है और शोध पत्र प्रकाशन के लिहाज से छठे पायदान पर। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के बीच एक समान प्रयासों से इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
इस मौके पर डॉ. हर्ष वर्धन ने संस्थान के संस्थापक निदेशक स्वर्गीय प्रो. एस.पी आगरकर के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस की स्थापना की थी। मंत्री महोदय ने अनुसंधान सुविधाओं को देखा और उन्होंने अनुसंधान उपलब्धियों में बेहतर रूचि ली। इस मौके पर मइर्स आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. डी.आर.बापत ने अपने अध्यक्षीय भाषण में जिक्र किया कि किस तरह कृषि क्षेत्र में तालमेल वाली परियोजनाओं से भारत में फसलों के उत्पादन में सुधार हुआ है।