केंद्रीय संस्कति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दमोह में मध्य क्षेत्र के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा को संस्कृति से जोड़कर सांस्कृतिक राजदूत बनाने और पारंपरिक कला रूपों तथा रचनात्मक ज्ञान क्षेत्र का सृजन करने वाले प्रतिभाशाली बच्चों एवं युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति और फैलोशिप प्रदान करने के सीसीआरटी के प्रयास सराहनीय है । उन्होंने ग्रामीण और आदिवासी समुदाय को मुख्य धारा में लाने की इच्छा व्यक्त की जिससे समाज का कल्याण हो। श्री पटेल ने सीआरटी छात्रवृत्ति धारकों की सफलता की कहानियों पर आधारित ‘धरोहर’ खंड नामक एक फिल्म भी उद्घाटित की जिसमें ‘श्री मायांगलंबम मंगंगसाना जी’ ने संगीत वाद्ययंत्र ‘पेना’ पर मणिपुरी पारंपरिक संगीत को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। इसके बाद उन्होंने क्रमशः ‘’सीकर” लेखक-डॉ ओम प्रकाश चालक, ‘’सूर्यदेह का सूरत और सूरत के हीरे” लेखक- डॉ विजय सेवक’ और ‘’चंपावत का सांस्कृतिक वैभव” लेखक- डॉ इंद्र लाल वर्मा द्वारा लिखित 3 पुस्तकों का सकुशल विमोचन किया।
श्री ऋषि कुमार वशिष्ठ, निदेशक सीसीआरटी ने अपने परिचयात्मक भाषण में श्री प्रहलाद सिंह पटेल, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने सीसीआरटी की गतिविधियों और उपलब्धियों से परिचित कराया। श्री ऋषि कुमार वशिष्ठ ने सीसीआरटी के अधिकार-पत्र के बारे में सविस्तार बताया और नई शिक्षा नीति 2020 के साथ सीसीआरटी के अधिकार-पत्र के एकत्रीकण पर जोर दिया।
सीसीआरटी अध्यक्ष, डॉ. हेमलता एस. मोहन ने बताया कि क दमोह में सीसीआरटी के लिए एक आधार स्थापित करने से यह जनसाधारण स्तर पर सांस्कृतिक शिक्षा को प्रसारित करने में शक्ति प्रदान करेगा। सीसीआरटी भारत के सभी क्षेत्रों में जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय संस्कृति लोक संस्कृति पर आधारित है और लोक संस्कृति मौखिक परिपाटी पर आधारित है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत विस्तृत है। सीसीआर टी इसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है ।