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केन्द्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाने से बड़ी कोई और प्रकृति व मानवता की सेवा नहीं हो सकती है

देश-विदेश

केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने वृक्षारोपण अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रकृति और मानवता की इससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती है कि अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। आज राष्ट्रव्यापी “वृक्षारोपण अभियान-2021” के शुभारंभ पर अपने संदेश में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में किए गए वृक्षारोपण का लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। कोयला मंत्री ने कहा कि, “वृक्षारोपण अभियान” कर्मचारियों एवं समाज के हितधारकों के बीच वृक्षारोपण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएगा और सभी को अपने आसपास के पौधों का पोषण करने तथा हमारे परिवेश को सुंदर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। श्री प्रल्हाद जोशी ने सभी से हर वर्ष कम से कम एक पौधा लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि, आंखों के सामने नन्हे-नन्हे पौधों को उगते देखना एक जीवन को आगे बढ़ाने जैसा आनंद देता है- यानि कि एक ऐसा जीवन जो बदले में कई लोगों की जिंदगी सुरक्षित बनाता है।

कोयला मंत्रालय के वृक्षारोपण अभियान-2021 का आयोजन माननीय कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला मंत्रालय के सचिव तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया था। माननीय केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी द्वारा किए गए वृक्षारोपण को दर्शाने वाले एक वीडियो की स्क्रीनिंग और वृक्षारोपण अभियान- 2021 पर उनके संदेश को पढ़कर इस कार्यक्रम का संचालन किया गया। कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी और कर्मचारी, प्रमुख सार्वजनिक हस्तियों तथा विभिन्न कोयला क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस कार्यक्रम के दौरान 250 से अधिक साइटों को ऑनलाइन दर्शाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा गया। कुल मिलाकर, लगभग 6 लाख पौधे लगाए गए और 3.2 लाख से अधिक पौधे स्थानीय निवासियों/एजेंसियों के बीच वितरित किए गए, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक क्षेत्रों को हरित आवरण से आच्छादित करना और साथ ही समुदाय को वृक्षारोपण के महत्व पर संवेदनशील बनाना था।

कोयला क्षेत्र में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के प्रमुख आयोजनों में से एक होने के नाते, वृक्षारोपण अभियान-2021 को कुल मिलाकर लगभग 30000 प्रतिभागियों के साथ सभी खदान स्थलों से भारी समर्थन मिला। इसके अलावा, वार्षिक कार्यक्रम में छह संसद सदस्यों और 18 विधायकों सहित 300 से अधिक प्रमुख सार्वजनिक हस्तियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम के दौरान, मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नॉर्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के मुडवानी डैम इको-पार्क और तमिलनाडु के नेवेली में एनएलसी इंडिया लिमिटेड के माइन-II इको-पार्क नामक दो पार्कों का उद्घाटन किया गया और दो इको-पार्कों का शिलान्यास भी किया गया। ये पार्क हैं पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का झांजरा इको-पार्क और ओडिशा के झारसुगुडा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड का चंद्रशेखर आजाद ओरिएंट यूजी नंबर 4 इको-पार्क। ये ईको-पार्क/पर्यटन स्थल आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मनोरंजन, ऐड्वेंचर, वाटर स्पोर्ट्स, बर्ड वाचिंग आदि के लिए स्थान उपलब्ध कराएंगे और स्थानीय पर्यटन सर्किट का हिस्सा बनने के लिए एकीकृत किए जाएंगे।

कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, वृक्षारोपण वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि, मंत्रालय ने कोविड के प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद कच्चे कोयले का उत्पादन 2013-14 में 565.77 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2020-21 में 716.08 मीट्रिक टन कर दिया है। राज्य मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में कोयला पीएसयू बढ़ती कोयले की मांग-आपूर्ति के अंतर को पूरा करेंगे और कोयले के आयात को खत्म करेंगे तथा भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर व सुदृढ़ बनाएंगे। उन्होंने कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों की हरित पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि वृक्षारोपण अभियान इन सार्वजनिक उपक्रमों को चालू वित्त वर्ष में 60 लाख पेड़ लगाने के अपने हरित लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। अंत में, उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि सभी पौधों को तब तक संरक्षित और पोषित किया जाए जब तक कि वे आत्मनिर्भर होकर पोषण प्राप्त करने योग्य नहीं हो जाते।

इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के सचिव ने कहा कि, वृक्षारोपण अभियान 2021 कोयला क्षेत्र में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ उत्सव का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होने के नाते, पर्यावरण स्थिरता लाएगा और स्थानीय समुदाय को पुनः प्राप्त खदान स्थलों की वापसी का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए पेड़ों के महत्व पर जोर दिया और सभी से पेड़ लगाने तथा उनकी देखभाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सलाह दी कि वे खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए पौधे उगाने के लिए अपनी खुद की नर्सरी विकसित करें। अंत में, उन्होंने मंत्रालय और सार्वजनिक उपक्रमों के सतत विकास प्रकोष्ठों को इस नेक पहल के लिए बधाई दी तथा उम्मीद की कि वृक्षारोपण अभियान के सफल शुभारंभ से कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों के चल रहे सुधार/वृक्षारोपण अभियान को गति मिलेगी।

कार्यक्रम में भाग लेने वालों में कोयला मंत्रालय में अपर सचिव श्री वीके तिवारी एनएलसीआईएल के घाटमपुर टीपीपी साइट से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त अपर सचिव श्री एम नागराजू, संयुक्त सचिव श्री श्याम भगत नेगी, संयुक्त सचिव श्रीमती विस्मिता तेज, संयुक्त सचिव श्री बी.पी. पाती और कोयला मंत्रालय के अन्य अधिकारी, कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रमोद अग्रवाल, एनएलसीआईएल के सीएमडी श्री राकेश कुमार, एससीसीएल के सीएमडी श्री एन श्रीधर और सीआईएल की सहायक कंपनियों के सीएमडी तथा कोयला एवं लिग्नाइट पीएसयू के निदेशक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपनी-अपनी साइटों से मौजूद थे।

माननीय कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री के संबोधन से (एमओसी और कोयला कंपनियों के) वीसी द्वारा जुड़े प्रतिभागी

मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एनसीएल के मुडवानी डैम इको-पार्क का उद्घाटन,            एसईसीएल की गेवरा ओसी साइट पर पौधारोपण

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