23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रव्यापी नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया

देश-विदेश

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आज सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश के बृजघाट में नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री राजेंद्र अग्रवाल, लोकसभा सांसद, मेरठ, उत्तर प्रदेश, श्री कमल सिंह मलिक, विधायक, गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश, श्री जतिंद्रनाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग,डॉ. सी. सुवर्णा, मुख्य कार्यकारी, एनएफडीबी, हैदराबाद, श्री सागरमेहरा, संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्यपालन), डीओएफ, भारत सरकार और एनएफडीबी, डीओएफ और स्थानीय निकायों के अन्य गणमान्य लोगभी मौजूद थे।

ठीक उसी समय, उत्तराखंड, उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य 4 राज्यों ने भी राष्ट्रव्यापी नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ में हिस्सा लिया।

उत्तर प्रदेश में बृजघाट, गढ़मुक्तेश्वर, तिगरी, मेरठ और बिजनौर जैसे 3 स्थलों पर 3 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री राजेंद्र अग्रवाल, लोकसभा सांसद, मेरठ, उत्तर प्रदेश, श्री कमल सिंह मलिक, विधायक, गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश, श्री जतिंद्रनाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग, डॉ. सी. सुवर्णा, मुख्य कार्यकारी, एनएफडीबी, हैदराबाद, श्री सागरमेहरा, संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्यपालन), डीओएफ, भारत सरकार और एनएफडीबी, डीओएफ और स्थानीय निकायों के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। 500 से ज्यादा लोगों ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में हिस्सा लिया।

उत्तराखंड में चंडी घाट, गंगा नदी, हरिद्वार में कुल 1 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया और इस पालन को नेपाल सिंह, पूर्व राज्य स्तरीय मंत्री, श्री बिपिन कुमार गर्ग, अध्यक्ष भाजपा, जबरेड़ा, हरिद्वार एवं श्री. सौरभ राणा, प्रतिनिधि, नमामि गंगेद्वारा पूरा किया गया।

त्रिपुरा में खोई नदी, तेलियामुरा, गोमती नदी, उदयपुर, धलाई नदी, कमालपुर और देव नदी, दशमीघाट नामक 4 स्थलों पर कुल 1.85 लाख मछली के बच्चों का पालन कार्यक्रम श्रीमती जमुना दास, अध्यक्ष; श्री बिप्लब घोष, विधायक, माताबाड़ी विधानसभा, श्री सुजीत बिस्वास, अध्यक्ष, सलीमा पंचायत क्षेत्र एवं श्रीमती हैप्पी दास, अध्यक्ष,कुमारघाट पंचायत समिति सहित अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थित में पूरा किया गया। नदी तटीय कार्यक्रम में कुल 218 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

छत्तीसगढ़ में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन कार्यक्रम मिरौनी बैराज, महानदी में श्रीमती साक्षी बंजारे, जिला पंचायत सदस्य, श्रीमती विद्या सिदार, अध्यक्ष, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, श्री लंबोधर चंद्रा, जनपद अध्यक्ष और श्री धर्मलाल साहू, सरपंच द्वारा पूरा किया गया। छत्तीसगढ़ में नदी तटीय कार्यक्रम में लगभग 100 लोग शामिल हुए।

उड़ीसा के मुंदुली, कटक में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया और नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बिजय कुमार खंडयातराय, एडीएम, अंबर कुमार, पीडी, डीआरडीए, राजेश बेहरा, एलडीएम, यूके मोहंती, अतरिक्त मत्स्यपालन निदेशक, सुब्रत दास, जीएम, ओपीडीसी, और ज्योतिरेखा बेहरा,जिलापरिषद की अध्यक्ष, श्रीमती बबीता मोहंता, जिला मत्स्य अधिकारी एवं पीएफसीएस सदस्यों द्वारा किया गया।उड़ीसा में नदी तट कार्यक्रम में कुल 102 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

राष्ट्रीय स्तर के नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में कुल 5 राज्यों ने हिस्सा लिया और कुल 8.85 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया। इन 5 राज्यों में 1060 से ज्यादा लोगों ने भागीदारी की और राष्ट्रीय स्तर पर नदी तटीय कार्यक्रम को भव्य रूप से सफलता प्राप्त हुई।

पीएमएमएसवाई योजना के अंतर्गत विशेष गतिविधि के रूप में “नदी तटीय कार्यक्रम” की शुरूआत भूमि और जल का विस्तार, गहनता, विविधता और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए की गई है। मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन मंत्रालय ने पूरे देश में नदी तटीय कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद को पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र घटक के अंतर्गत नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है। बढ़ती हुई मानवीय आबादी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की आवश्यकता के कारण मछली की मांग में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है। किफायती और पर्यावरण के दृष्टिकोण से उपयुक्तरूप से, मत्स्य संसाधनों का सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देना समय की मांग बन चुकी है। नदी तटीय कार्यक्रम ऐसी ही एक गतिविधि है जो चिरस्थायी मत्स्य पालन, आवास क्षरण में कमी, जैव विविधता का संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक लाभों को अधिकतम और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का आकलन कर सकती है। हालाँकि, नदी तटीय कार्यक्रम पारंपरिक मत्स्यपालन, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और अंतर्देशीय समुदायों का व्यापार और सामाजिक सुरक्षा के उन्नयन को भी सुनिश्चित करती है।

इस कार्यक्रम को ज्यादा मछली पकड़ने, मछुआरों की आजीविका को बेहतर करने और नदी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रोग्राम किया गया है, क्योंकि वे भोजन के रूप में जैविक अवशेषों को लेते हैं, मुख्य रूप से कम हुए मछली स्टॉक को उपर उठाने और पालन किए गए मछली प्रजातियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए।

2020-21 के दौरान फेज-1 कार्यक्रम के रूप में, एनएफडीबी ने तीन प्रमुख नदी प्रणालियों गंगा और उसकी सहायक नदियों, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी की सहायक नदियों और महानदी और अन्य नदियों को लक्षित किया है। तदनुसार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड और बिहार जैसेनदी बेल्ट की लंबाई पर ध्यान केंद्रित करने वाले छह प्रमुख अंतर्देशीय राज्यों का चयन मछली के बच्चों का पालन करने के लिए लक्षित स्थलों के साथ किया गया है।एनएफडीबी ने पीएमएमएसवाई की कार्य योजना 2020-21 के अंतर्गत राज्यों को 97.16 लाख मछली के बच्चे कापालन करने के लिए कुल 2.81 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।

उपर्युक्त उद्देश्यों को लक्षित करते हुए, राज्य द्वारा प्रजनन प्रोटोकॉल और मानक उपायों का पालन किया गया है जो देशी मछली प्रजातियों के बच्चों का नदियों में पालन करने के लिए आवश्यक हैं, जो मछली उत्पादन को बढ़ाने, आश्रित मछुआरों की आजीविका में सुधार लाने और नदी प्रणाली में एक स्वस्थ वातावरण उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेगा। नदी तटीय कार्यक्रम के लिए सुझाए गए मछली के बच्चों का आकार 80-100 मिमी है, क्योंकि चयनित राज्य में मछली के बच्चे पालन कार्यक्रम के लिए बेहतर आकार तक पहुंच चुके हैं।इसलिए, एनएफडीबी ने मत्स्यपालन विभाग के मार्गदर्शन में 6 राज्यों के सहयोग से आज राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More