प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, देश, भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक ओर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं अक्टूबर महीने में भारत को स्वच्छ बनाने पर जोर भी दिया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने स्वच्छता और सेवा के अभियान को सरकारी कार्यालयों में ले जाते हुए आज ग्रामीण विकास मंत्रालय के विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया और मंत्रालय में अपनाई जाने वाली भौतिक और डिजिटल स्वच्छता प्रथाओं की समीक्षा की। मंत्री महोदय ने अधिकारियों को बेहतर कार्यालय प्रबंधन के लिए ई-फाइलिंग प्रणाली का अधिकतम उपयोग करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण अभियान के दौरान, मंत्री महोदय ने कर्मचारियों के काम के माहौल, दक्षता और स्वास्थ्य में सुधार के लिए सिस्टम और परिसर में भौतिक और डिजिटल स्वच्छता के महत्व पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि कार्यालय को अधिकतम सीमा तक प्रौद्योगिकी और इंटरनेट के उपयोग का लाभ उठाना चाहिए और अभिलेखों तथा रिकॉर्ड्स के शीघ्र और सुरक्षित तरीके से डिजिटलीकरण में तेजी लाते हुए बिना कागज़ के उपयोग वाली कामकाज की प्रणाली को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बड़ी अप्रचलित मशीनों जैसे कॉपियर, पुराने फर्नीचर, एसी आदि को सार्वजनिक क्षेत्र में आधिकारिक और पारदर्शी रूप से रद्द और नीलाम किया जाए।
श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि डिजिटलीकरण के युग में, तेजी से डेटा पुनर्प्राप्ति के लिए डेटाबेस की डिजिटल स्वच्छता महत्वपूर्ण है। उन्होंने अनावश्यक डेटा के सामयिक रखरखाव और स्वच्छता पर भी बल दिया। संसद, कैबिनेट, आरटीआई, शिकायत आदि से संबंधित महत्वपूर्ण फाइलों को विभागों में कुशल सूचना साझा करने के लिए एक केंद्रीय भंडार में व्यवस्थित किया जाना चाहिए। उन्होंने विभाग के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों के डिजिटलीकरण का भी सुझाव दिया।
मंत्रालय के संसदीय खंड के अपने दौरे के दौरान, श्री सिंह ने 3-आर यानी रिकॉर्ड, उत्तर और भंडार के महत्व पर जोर दिया और अधिकारियों को डिजिटल होने तथा उससे पहले पूछे गए प्रश्नों का भंडार रखने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान मंत्री महोदय के साथ ग्रामीण विकास सचिव श्री एन. एन. सिन्हा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।