नई दिल्ली: बिजली एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री आर के सिंह ने 03 जून, 2020 को नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बिजली में अखिल भारतीय रियल टाइम मार्केट लांच किया। इसने भारतीय बिजली बाजार को विश्व में कुछ बिजली बाजारों के लीग में स्थापित कर दिया है, जिनके पास रियल टाइम मार्केट है।
कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, बिजली मंत्री ने रेखांकित किया कि रियल टाइम मार्केट पूरे भारत के क्रेताओं एवं विक्रेताओं के लिए उनकी बिजली आवश्यकताओं की पूर्ति को प्रचालन के वास्तविक समय के निकट लाने का एक संगठित मार्केट प्लेटफार्म है। रियल टाइम मार्केट लागू किए जाने से वास्तविक समय संतुलन उपलब्ध कराने के लिए बाजार में अपेक्षित लचीलापन आएगा, जबकि प्रणाली में उपलब्ध अधिशेष क्षमता का ईष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
रियल टाइम मार्केट एक दिन में प्रत्येक 30 मिनट के लिए होगा, जोकि समान मूल्य के साथ दोहरी पक्ष वाली नीलामी पर आधारित होगा। ‘गेट क्लोजर’ की अवधारणा बाजार प्रचालन के घंटों के दौरान अनुसूचियों में वांछित दृढ़ता लाने के लिए लागू की गई है। क्रेताओं एवं विक्रेताओं को प्रत्येक 15 मिनट के टाइम ब्लाक के लिए खरीद/बिक्री बोलियों को प्रस्तुत करने का विकल्प होगा। प्रस्तावित रियल टाइम मार्केट डिस्काम के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बड़े बाजार में पहुंच के लिए एक वैकल्पिक तंत्र उपलब्ध कराएगा। दूसरी तरफ, जेनेरेटर भी अपनी गैर-अधिग्रहित क्षमता के साथ रियल टाइम मार्केट में भाग लेने के द्वारा लाभान्वित होंगे। लंबी अवधि के अनुबंध एवं इस बाजार में सहभागिता करने वाले जेनेरेटरों के लिए डिस्कामों के साथ लाभ साझा करने हेतु एक तंत्र उपलब्ध कराया गया है। नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर-पोसोको रियल टाइम मार्केट संरचना में त्वरित लेनदेन तथा निपटान सुनिश्चित करने के लिए पावर एक्सचेंजों के साथ समन्वयन में आवश्यक आटोमेशन सुगम करा रहा है।
भारत सरकार का 2022 तक 175 जीडब्ल्यू आरई क्षमता का लक्ष्य पूरे भारत में त्वरित नवीकरणीय पैठ को प्रेरित कर रहा है। रियल टाइम मार्केट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की अनिरंतर एवं परिवर्तनशील प्रकृति के कारण ग्रिड प्रबंधन की चुनौतियों को कम करने में मदद करेगा और इसलिए ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की उच्चतम मात्रा को समेकित करने में सहायता करेगा।
ऐसी उम्मीद की जाती है कि बोली लगाने के अल्प समय, तेज समय निर्धारण और परिभाषित प्रक्रियाएं (अर्थात गेट क्लोजर) से प्रतिभागी पूरे अखिल भारतीय ग्रिड में संसाधनों की सुविधा पा सकेंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रभावी बिजली खरीद योजना निर्माण, कार्यक्रम निर्धारण, डिस्पैच एवं हैंडलिंग के साथ यूटिलिटीज द्वारा बेहतर पोर्टफोलियो प्रबंधन में मदद मिलेगी।
वितरण कंपनियां ईष्टतम तरीके से अपने पावर पर्चेज पोर्टफोलियों को प्रबंधित करने में सक्षम होंगी और उन्हें अत्यधिक क्षमता की आवश्यकता नहीं होगी। इससे बिजली खरीद की लागत ईष्टतमीकरण में मदद मिलेगी तथा भरोसेमंद आपूर्ति के साथ उपभोक्ताओं को सेवाएं दी जा सकेंगी क्योंकि बिजली की कोई भी अंतिम मिनट की खरीद आसानी से रियल टाइम मार्केट से की जा सकेगी। अंतिम मिनट के बदलावों के कारण लोड शेडिंग द्वारा ग्रिड को प्रबंधित करने की पहली की व्यवस्था से आसानी से बचा जा सकेगा। इस प्रकार सभी हितधारकों के लिए यह लाभ की स्थिति है। जेनरेटर को अपने अधिशेष को बेचने का अवसर मिलेगा, आरई जेनरेशन की परिवर्तनशीलता का बेहतर प्रबंधन होगा, पारेषण प्रणालियों का बेहतर उपयोग होगा, डिस्काम को बिजली बेचने या खरीदने का अवसर मिलेगा तथा अंत में उपभोक्ताओं को भरोसेमंद बिजली आपूर्ति हो सकेगी।