नई दिल्ली: केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज चंडीगढ़ में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय स्टील मार्ट के उद्घाटन अवसर पर वरिष्ठ उद्योगपतियों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ”हमारी सरकार बीमार इस्पात उद्योग की प्रत्येक समस्या के समाधान और 2025 तक प्रतिवर्ष 300 मिलियन टन (एमटीपीए) उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिये प्रतिबद्ध है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाने के लिए हमने भारतीय इस्पात अनुसंधान और तकनीकी मिशन (एसआरटीएमआई) की स्थापना की है ताकि उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता, गुणवत्ता, अनुसंधान और विकास तथा उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया पहल में एसआरटीएमआई के रूप में इस्पात उद्योग का योगदान है।”
मंत्री महोदय ने कहा, ”इस्पात विनिर्माताओं की लागत को कम करने के लिए इस्पात उद्योग हेतु ब्याज दरों को कम करने, ऋण और परिवहन लागत को कम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही परिसंचालन की लागत और समय की बचत के लिए कच्चे माल के स्थान और इस्पात संयंत्रों का बंदरगाहों के साथ उचित रेल संपर्क विशेष रूप से पूरे उत्तर भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
मंत्री महोदय ने कहा कि इस्पात का अधिक से अधिक उपयोग करने के बारे में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने की अति आवश्यकता है ताकि इस्पात उद्योग को बचाने के लिए इसकी मांग को बढ़ाया जा सके। वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति इस्पात का उपयोग केवल 59 किलोग्राम है जबकि चीन में यह 700 किलोग्राम प्रति व्यक्ति और विश्व में औसतन 215 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस मांग को बढ़ाने के लिए उद्योग और सरकार दोनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
हम समझते हैं कि दूसरे दर्जे के इस्पात निर्माता काफी कठिन दौर से गुजर रहे हैं और उनकी कुछ गंभीर चिन्ताएं हैं। इनके समाधान के लिए हमारी अगस्त में लघु और बड़े इस्पात उद्योग के उद्योगपतियों से बैठक कर भविष्य का खाका तैयार करने की योजना है। मंत्री महोदय ने कहा कि हमने चार लौह अयस्क समृद्ध राज्यों – कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के साथ विशेष कार्य वाहन (एसपीवी) की योजना भी बनाई है और जल्द ही हम शुरूआत में 3 एमटीपीए इस्पात निर्माण के लिए संयंत्र लगाएंगे जो जल्द ही 6 एमटीपीए को छू लेगा और राष्ट्रीय उत्पादन में 24 एमटीपीए का योगदान करेगा।
70,000 करोड़ रुपए के निवेश से सेल का आधुनिकीकरण पूरा हो गया है। इससे जनवरी 2016 तक वर्तमान 13 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता बढ़कर 23 एमटीपीए हो जाएगी। अकेले सेल से 50 एमटीपीए के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विस्तार के अगले चरण के लिए 125 लाख करोड़ रुपए निवेश की हमारी योजना है। उन्होंने बताया कि सेल ने रेलवे के साथ लौह अयस्क संपन्न रायपुर से जगदलपुर तक 240 किलोमीटर रेल लिंक के लिए 200 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यह जानती है कि वर्तमान में इस्पात उद्योग कठिन दौर से गुजर रहा है और उन्होंने इस्पात उद्योग के हितों की रक्षा में सरकार की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।
सीआईआई द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित स्टील मार्ट, 2015 इस्पात विनिर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच बातचीत के लिए मंच तैयार करने और देश में इस्पात उद्योग की वर्तमान तथा भविष्य की गतिविधियों के विस्तार से समझने तथा उत्तर भारत के इस्पात उद्योग के हितों को धन में रखकर योजना तैयार करने का प्रयास है। सीआईआई ने सरकार से बुनियादी विकास परियोजनाओं में तेजी लाने, फ्रीट कॉरिडोर की लाइनों पर स्टील कॉरिडोर बनाने और इस्पात विनिर्माण के लिए कोयला ब्लॉकों को चिह्नित करने का आग्रह किया है ताकि आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।