केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह ने कल चंडीगढ़ में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा आयोजित बैठक में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के प्रमुख इस्पात खरीददारों को संबोधित किया। श्री सिंह ने कहा कि बढ़ी हुई घरेलू खपत को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार आधारभूत संरचना, उद्योग, निर्यात आदि को समर्थन देने के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है। इन प्रयासों में अधिक उत्पादन की आवश्यकता है और इस्पात खपत में बराबर की वृद्धि देखने को मिलेगी। इस्पात मंत्रालय द्वारा सभी हितधारकों को आत्मनिर्भर भारत के दायरे में समर्थन दिया जाएगा, ताकि तय लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें। उन्होंने देश में सामान्य आर्थिक गतिविधि और विशेषकर स्टील की खपत बढ़ाने वाली विभिन्न पहलों और सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया।
भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक स्टील प्रतिष्ठान स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इस उपभोक्ता बैठक का आयोजन किया था, जिसमें चंडीगढ़, लुधियाना और मंडीगोविन्दगढ़ के इस्पात उद्योग के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले 45 इस्पात खरीददारों ने भाग लिया। इस्पात उद्योग के इन वर्गों में एलपीजी, बॉयलर, कोल्डरिड्यूसर्स, पाइप मैन्युफैक्चरर, रिरॉलर, रेलवे फैब्रिकेटर्स, परियोजनाएं आदि शामिल हैं। खरीददारों ने 2020 के दौरान सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सेल के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में एलपीजी की आवश्यकताओं के महत्व, भविष्य में प्लेटों की मांग, एमएसएमई की मांग आदि के महत्व पर विचार किया गया। इस्पात मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती रसिका चौबे और सेल की अध्यक्ष सुश्री सोमा मंडल भी इस बैठक में उपस्थित थीं।