Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल जीवन मिशन को तेजी से लागू करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को राज्य में जल जीवन मिशन के त्वरित कार्यान्वयन के लिए पत्र लिखा है। मिशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति करके ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। गाँव / बस्ती स्तर पर सामुदाय-प्रबंधित जलापूर्ति योजनाएँ भारत में पेयजल क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में मानी जाती हैं। राज्यों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किये जा रहे मिशन का लक्ष्य ग्रामीण लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए नियमित और दीर्घकालिक आधार पर प्रत्येक ग्रामीण परिवार में प्रति व्यक्ति 55 लीटर पीने योग्य पानी प्रति दिन (एलपीसीडी) उपलब्ध कराना है।

अरुणाचल प्रदेश ने मार्च, 2023 तक राज्य के सभी घरों में 100% नल कनेक्शन देने की योजना तैयार की है। भारत सरकार ने 2020-21 के लिए  जेजेएम के तहत राज्य को 255 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य को प्रदर्शन आधारित अनुदान – घरेलू नल कनेक्शन और समानुपातिक वित्तीय प्रगति- के संदर्भ में उपलब्धि के आधार पर अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। कुल 2.18 लाख ग्रामीण परिवारों में से 37,000 घरों में पहले ही नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। राज्य 2020-21 में 77,000 नल कनेक्शन देने की योजना बना रहा है। योजना बनाते समय, आकांक्षी जिले, गुणवत्ता-प्रभावित बस्तियों, संसद आदर्श ग्रामीण योजना आदि के घरों को प्राथमिकता-सूची में रखा गया है।

केंद्रीय मंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री से गांवों / बस्तियों में पहले से मौजूद पाइप जलापूर्ति योजनाओं के पुनर्निधारण और संवर्द्धन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, ताकि शेष परिवारों को कम समय में आसानी से नल कनेक्शन प्रदान किया जा सके। इसीलिए इस बात पर जोर दिया गया है यह कार्य ‘अभियान के रूप में किया जाना चाहिए। कोविड -19 महामारी के दौरान, सरकार का यह प्रयास है कि लोग सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट / पेयजल स्रोतों पर भीड़ के रूप में जमा न हों। श्री शेखावत ने घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए तत्काल आधार पर गाँवों में जल-आपूर्ति के कामों को पूरा करने का अनुरोध किया, जिससे लोगों को एक दूसरे से दूरी बनाये रखने में मदद मिलेगी, स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त करने के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

विकेंद्रीकृत कार्यक्रम होने के नाते, स्थानीय समुदाय लंबे समय तक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों के योजना निर्माण, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्थानीय समुदायों को गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की नियमित देखरेख, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सभी गांवों में जल जीवन मिशन को सही मायने में जनांदोलन बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग के साथ-साथ आईईसी अभियान की आवश्यकता है।

बेरोजगार युवाओं को प्लंबिंग, राजमिस्त्री, फिटिंग, पंप संचालन आदि में प्रशिक्षित करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बनाई गयी है ताकि प्रशिक्षित मानव संसाधन का एक पूल ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध हो सके और उन्हें स्थानीय स्तर पर काम सौंपा जा सके। इससे बाहरी एजेंसियों की सहायता के बिना योजनाओं के रखरखाव व दीर्घकालिक संचालन में मदद मिलेगी। ।

पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के दीर्घकालिक उपयोग के लिए मौजूदा पेयजल स्रोतों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपलब्ध धनराशि के बेहतर उपयोग के लिए राज्य को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे मनरेगा, एसबीएम (जी), पीआरआई को मिलनेवाली 15 वें वित्त आयोग की निधि, जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, ग्राम स्तर पर स्थानीय क्षेत्र विकास फण्ड आदि में तालमेल के जरिये योजना तैयार की आवश्यकता है। राज्य के पीआरआई को 2020-21 के दौरान 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में 231 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इस राशि का 50% पानी और स्वच्छता पर खर्च किया जाना अनिवार्य है।

जल जीवन मिशन के तहत, जिला और राज्य स्तर पर जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्राथमिकता दी जाती है। पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए समुदायों को शामिल किया जा रहा है। समुदाय को सशक्त बनाने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रावधान किये गए हैं। इसके लिए विभिन्न कार्यों की योजना बनाई गई है जैसे किट की समय पर खरीद, समुदाय को किट की आपूर्ति, हर गांव में कम से कम पांच महिलाओं की पहचान, 5 व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना आदि ताकि जल का स्थानीय स्तर पर परीक्षण किया जा सके।

जल शक्ति मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को राज्य को 100% एफएचटीसी ’यानी हर घर जल’ राज्य बनाने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया और जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री के साथ जेजेएम की योजना और कार्यान्वयन पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More