नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नगालैंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति पर अपनी चिंता व्यक्त की है।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पिछले सालजल जीवन मिशन (जेजेएम)की शुरूआत की थीजिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराकर ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। पेयजल क्षेत्र में विकेन्द्रीकृत,मांग से प्रेरित, गाँव/बस्ती स्तर पर सामुदायिक प्रबंधित जलापूर्ति योजनाएँ परिवर्तनकारी कार्यक्रम के रूप में मानी जाती हैं।
श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने पत्र मेंउत्तर पूर्व भारत के विकास के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। जल जीवन मिशन के लिए राशि,उपलब्ध कराए गए घरेलू नल कनेक्शन और उपलब्ध धन के उपयोग के आधार पर भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वर्ष 2019-20 में 75,000 घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन अब तक केवल 2,000 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं। इसके अलावानगालैंड को वर्ष 2019-20 में 56.49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे,जिसमें से राज्य केवल 23.54 करोड़ रुपये खर्च कर सका है। खत के जरिए सीएम को बतायागया कि वर्ष 2020-21 में नगालैंड के लिए आवंटन 56.49 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 114.09 करोड़ रुपये कर दिया गया है और 32.95 करोड़ रुपये की शुरुआती बैलेंस के साथनगालैंड के पास जल जीवन मिशन के लिए केंद्रीय फंड से 147.04 करोड़ रुपये की निश्चित उपलब्धता है।इसमें राज्य के हिस्से कोजोड़ दिया जाए तो राज्य के पास जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 163 करोड़ रुपये होंगे। जल शक्ति मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना राष्ट्रीय प्राथमिकता है और राज्य को समयबद्ध तरीके से इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
श्री शेखावत ने नगालैंड के गांवों में शेष घरों में घरेलूनल कनेक्शन (एफएचटीसी)प्रदान करने के लिए मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों में कुछ नया जोड़ने/संवर्द्धन पर ध्यान देने के साथ समय सीमा के भीतर जल जीवन मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित नियोजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नगालैंड के सीएम से राज्य के उन 1,334 गाँवों जहां मौजूदापाइप जलापूर्ति योजनाएँ होने की सूचना है, में काम तेज करने का आग्रह किया ताकि समाज के गरीब और उपेक्षित वर्ग को जल्द से जल्द नल कनेक्शन मिल सकें। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों/बस्तियों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले गांवों में जल जीवन मिशन के काम को प्राथमिकता दी जानी है।
श्री शेखावत ने पेयजल आपूर्ति प्रणालियों की दीर्घकालिक उपलब्धता के लिए मौजूदा पेयजल स्रोतों को और मजबूत करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियोजन ग्राम स्तर पर होनी चाहिए और हर गांव के लिए ग्राम कार्य योजना (वीएपी) को मनरेगा, एसबीएम, पीआरआई को 15वें वित्त आयोग अनुदान, सीएएमपीए फंडों, स्थानीय क्षेत्र विकास फंड इत्यादि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा उपलब्ध संसाधनों को मिलाकर तैयार किया जाना चाहिए।
श्री शेखावत ने आगे जोर देते हुए कहा कि पेयजल सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पानी की दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव में स्थानीय ग्राम समुदाय/ग्राम पंचायतों और या उपयोगकर्ता समूहों को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को सही मायने में जन आंदोलन बनाने के लिए सभी गांवों में सामुदायिक सहयोग के साथ-साथ आईईसी अभियान की आवश्यकता है।
वर्ष 2020-21 मेंनगालैंड को पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 125 करोड़ आवंटित किए गए हैं और इस राशि का 50% अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाना है। स्वच्छ भारत मिशन (जी)के तहत उपलब्ध धन का उपयोग ग्रे वाटर ट्रीटमेंट और रियूज कार्यों के लिए किया जाना है।
कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि लोग सार्वजनिक स्टैंड-पोस्ट/सार्वजनिक जल स्रोतों पर भीड़ न लगाएं। नगालैंड के सीएम से अनुरोध किया गया है कि वे सभी गाँवों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए जलापूर्ति का काम तेज करें ताकि एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने (सोशल डिस्टेंसिंग) में मदद मिलेगी और इससे स्थानीय लोगों/प्रवासियों को रोज़गार मिल सकेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी मिलेगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने नगालैंड के मुख्यमंत्री को राज्य को सौ फीसदीएफएचटीसी राज्य’बनाने में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।