देहरादून: भारत में संयुक्त राष्ट्र संघ के (एफ.ए.ओ.) खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रतिनिधि श्याम खड़का ने शुक्रवार को विधान सभा में मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट की। उन्होंने कहा कि एफ.ए.ओ. उत्तराखण्ड मे कृषि के क्षेत्र में 40 करोड़ की परियोजना प्रारम्भ करेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने एफ.ए.ओ. की पहल की सराहना करते हुए कहा कि हम उन्नतिशील प्रजाति के बीजों के लिए देश में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होना चाहते हैं। हमारे कई पारम्परिक बीज है, जिन्हें बचाना बहुत जरूरी है, ताकि हमारी धरोहर भी बची रह सके।
श्री खड़का ने मुख्यमंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद की मांग देश-विदेश में है, इसकी ब्रांडिंग करने की जरूरत है। एफ.ए.ओ. भारत के पांच राज्यों में खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है। आज दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग से खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के मैदानी क्षेत्रों से ऊपरी भागों की ओर खेती का रूझान बढ़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि कृषि के बारे में वैज्ञानिक शोध तो किये गये लेकिन खास तौर से पर्वतीय खेती के बारे में कोई ठोस योजना कृषि वज्ञानिकों द्वारा नही बनाई गई। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह अवगत कराया कि मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, कृषि व वन विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई जिसमें सहमति बनी कि एफ.ए.ओ. उत्तराखण्ड में 40 करोड़ रूपये की परियोजना लागू करेगा। इसके लिए कृषि विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है। कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष तथा उत्तराखण्ड के अन्य संस्थान इसमें सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में उत्तराखण्ड अकेला राज्य है, जहाॅं ज्यादातर खेती जैविक रूप में की जाती है। इसलिए इसकी मांग भी ज्यादा है।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि जैव विविधता को बनाये रखते हुए इस राज्य में जैविक खेती का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैव विविधता के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा भी आवश्यक है।