लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में विकास की असीमित एवं अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश अत्यंत ही उर्वरा भूमि के लिए तथा पर्याप्त जल संसाधनों के लिए जाना जाता है। आधुनिक तकनीक और समय पर सुविधाओं की उपलब्धता कराये जाने पर उत्तर प्रदेश और उसके किसानों के पास वह क्षमता है कि वह पूरी दुनिया का पेट अकेले भर सकता है। इससे यहां के निवासियों को गौरवान्वित महसूस करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज नई दिल्ली में दैनिक जागरण के हीरक जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जागरण समूह को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि 8 मार्च, 1942 से आरम्भ हुई दैनिक जागरण की यात्रा को उन्होंने बड़े ही नजदीक से देखा है। यह समाचार-पत्र भारत की संस्कृति, संस्कार और समृद्ध विरासत को बड़ी ही निष्पक्षता, विश्वसनीयता, रचनात्मकता एवं सकारात्मक सोच के साथ प्रस्तुत करता रहा है। समाचार-पत्र का पहला प्रकाशन उत्तर प्रदेश के झांसी में आरम्भ हुआ था। आज यह समाचार-पत्र अहम भूमिका में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा अतीत गौरवशाली क्षणों से भरपूर रहा है। अतीत को भूलकर न तो आगे बढ़ा जा सकता है न ही बढ़ना चाहिए। वर्तमान अतीत की गलतियों के परिमार्जन का अवसर होता है। उत्तर प्रदेश देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। देश की सात पवित्र नदियों में से गंगा-यमुना का सर्वाधिक प्रवाह क्षेत्र उत्तर प्रदेश मंे होने के साथ ही इनका संगम भी इसी प्रदेश में ही है। काशी नगरी जो कि भगवान शिव की सबसे प्राचीन नगरी मानी जाती है, के साथ-साथ भगवान राम की नगरी अयोध्या, भगवान कृष्ण की मथुरा नगरी भी उत्तर प्रदेश में हैं। यह प्रदेश अनेक शक्तिपीठों से भी जुड़ा हुआ है।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतवर्ष ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की है। पिछले 70 वर्षों में जहां उत्तर प्रदेश में मात्र 13 मेडिकल काॅलेज थे, वहीं वर्तमान राज्य सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में केन्द्र सरकार के सहयोग से 15 नये राजकीय मेेडिकल काॅलेजों का निर्माण कराया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में कवरेज 99 प्रतिशत तक पहुंचाया गया है।
राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य कर रही है। वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2017 के मध्य गरीबों, वंचितों को मात्र 63,000 आवास दिये गये थे, वर्तमान सरकार ने डेढ़ वर्ष में प्रदेश के 11 लाख परिवारों को आवास मुहैया कराये हैं। गरीबों के घर बिजली से रोशन करने के लिए वर्तमान सरकार ने सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के माध्यम से जहां दुर्गम क्षेत्रों, जहां ट्रांसमिशन लाइन नहीं बिछायी जा सकती, वहां सोलर प्लाण्ट की स्थापना कर गरीब का घर विद्युत प्रकाश से रोशन किया गया है, जिससे उनके जीवन में व्यापक परिर्वतन आ सके तथा उनमें भी विकास की सोच पैदा हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ परिवारों के पास विद्युत के कनेक्शन नहीं थे। राज्य सरकार 30 दिसम्बर, 2018 तक इन सभी 2 करोड़ परिवारों को विद्युत कनेक्शन मुहैया करा रही है। स्वच्छ भारत मिशन मंे पूरे देश में लगभग 12 करोड़ परिवार ऐसे थे, जिनके पास शौचालय नहीं थे। इसमें 01 करोड़ 94 लाख परिवार उत्तर प्रदेश के थे। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेसलाइन सर्वे के अनुसार 30 दिसम्बर, 2018 तक इन सभी 01 करोड़ 94 लाख परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टेक्नोलाॅजी का प्रयोग करके व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है। गरीबों को पी0डी0एस के माध्यम से पूर्ण पारदर्शिता के साथ खाद्यान्न नहीं उपलब्ध हो पा रहा था। फर्जी राशन कार्डों की शिकायत पर राज्य सरकार की जांच में 30 लाख राशन कार्ड फर्जी पाये गये। लाभार्थी को मालूम ही नहीं था कि उसका राशन कार्ड बना है और राशन निकाला जा रहा था। राज्य सरकार ने फर्जी राशन कार्डाें को निरस्त कराकर पात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड बनाए तथा उन्हें आधार कार्ड से जोड़ा। प्रदेश की सभी 80 हजार राशन की दुकानों पर पी0ओ0एस0 मशीन से राशन वितरण की व्यवस्था करने के साथ ही लाभार्थी को किसी भी राशन की दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गयी। वर्तमान में हर लाभार्थी पूर्ण पारदर्शिता के साथ समय से खाद्यान्न ले रहा है। टैक्नालाजी के प्रयोग से सरकार को सालाना 1200 करोड़ रुपये राजस्व की बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सकारात्मक एवं रचनात्मक सोच के साथ कार्य करके सरकारें आमजन के जीवन में व्यापक परिर्वतन ला सकती हैं। प्रधानमंत्री जी ने देश में ऊर्जा की बचत की दृष्टि से एलईडी बल्ब और एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाये जाने की व्यवस्था की। यह अत्यंत ही सार्थक अभियान है, इस अभियान का परिणाम यह रहा कि उत्तर प्रदेश के अन्दर लगभग 8 लाख स्ट्रीट लाइट लगायी गयीं। इससे लगभग 250 करोड़ रुपये की राजस्व की बचत हुई। एलईडी के बल्ब के प्रयोग से दो करोड़ परिवारों का बिजली का बिल कम हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धर्म और राजनीति एवं दूसरे के पूरक होते हैं। धर्म हमें नैतिक मूल्यों और सदाचार से जोड़ता है। पूरी दुनिया अयोध्या का महत्व स्वीकार करती है। ऐसे अनेक देश हंै जिन्होंने भगवान श्रीराम को अपनी विरासत स्वीकार किया है। दुनिया के अनेक देशों के लोगों का भगवान राम के साथ भावनात्मक रिश्ता है। अयोध्या में प्रथम ‘दीपोत्सव’ के कार्यक्रम में 6 देशों इण्डोनेशिया, श्रीलंका, लाओस, थाईलैण्ड, कम्बोडिया के रामलीला दलों के माध्यम से रामलीला आयोजित की गयी।
इस वर्ष भी दीपोत्सव में 4 देशों की रामलीला दलों को आमंत्रित कर रामलीलाएं आयोजित की गयीं। साथ ही, इस वर्ष दीपोत्सव के कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला भी पधारीं थीं। दक्षिण कोरिया का मानना है कि आज से दो हजार साल पूर्व अयोध्या की राजकुमारी दक्षिण कोरिया के राजकुमार के साथ विवाह बंधन में बंध गयीं थीं तथा वे सभी उन्हीं की संतान हैं। दक्षिण कोरिया गणराज्य को इस बात का गौरव है, क्योंकि उन्हें अपनी संस्कृति अपनी विरासत पर गर्व है।
थाईलैण्ड की पूरी परम्परा अपने-आपको भगवान श्रीराम की विरासत के साथ जोड़ती है। अपने राष्ट्रीय राजमार्गों का नामकरण उन्होंने भगवान श्रीराम के नाम पर किये हुए हैं। वहां के राजा ने अपने ग्रैंड पैलेस को रामायण को दान कर दिया। वर्तमान राज्य सरकार ने दीपोत्सव के माध्यम से दुनिया के सामने अयोध्या को पुनः एक बार इसके प्राचीन गौरवशाली स्वरूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी प्रकार इस वर्ष उन्हें देव दीपावली के कार्यक्रम में वाराणसी जाने का अवसर प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में पूरी काशी ही नहीं, पूरे देश की भागीदारी थी। वाराणसी के सांसद के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वहां की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए वहां के भौतिक विकास के लिये जो कार्य किये हैं, प्रत्येक व्यक्ति उसको स्वीकार कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की विरासत एवं परम्परा को आधुनिकता के साथ जोड़कर इसकी व्यापक सम्भावनाओं को मूर्त रूप देने का प्रयास कर रही है। बरसाना की होली में सम्मिलित होने वे मथुरा गये थे। ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए एक बोर्ड की स्थापना की गयी है। साथ ही, इसके विकास के लिए कई नई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। केन्द्र सरकार ने स्वदेश दर्शन के लिये रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट तथा प्रासाद योजना के माध्यम से परम्परा और विरासत से जुड़े स्थलों के विकास को आगे बढ़ाया है। इसी प्रकार, प्रदेश सरकार ने भी इन योजनाओं के माध्यम से देश के सांस्कृतिक रूप से सबसे समृद्ध प्रदेश उत्तर प्रदेश के अतीत और विरासत से जुडे़ स्थलों के भौतिक विकास पर फोकस किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के केंद्र बिंदु गांव, गरीब, किसान, नौजवान और महिलाएं हैं। विगत डेढ़ वर्ष में लगभग दो लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचित क्षमता उत्पन्न की गयी है। इस वर्ष में प्रदेश के गन्ना किसानों को उनके 43 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया गया है। केन्द्र सरकार ने जिन फसलों का एमएसपी घोषित किया है, बिना बिचैलियों, आढ़तियों को बीच में लाए, उनका लाभ किसानों को सीधे दिया जा रहा है। प्रदेश में हर जनपद में एक कृषि विज्ञान केन्द्र खोलकर किसानों को अच्छी किस्म के बीज प्राप्त हो सके, इसके लिए कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून के राज और सुरक्षा का वातावरण पैदा किया है। इसका परिणाम ही है कि अभी तक प्रदेश में 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसी दिसम्बर माह में एक लाख करोड़ रुपये के नये निवेश के माध्यम से रोजगार की व्यापक संभावनाओं को बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम के प्रश्न प्रहर में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह देश के संविधान का सम्मान करे।