लखनऊ: यूपी में चल रही सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने मंत्रिमंडल का सातवां विस्तार किया। अखिलेश ने अपने कैबिनेट में आज पांच सदस्यों को शामिल किया है। इन पांच सदस्यों में से तीन नए चेहरे शामिल किए गए हैं। वहीं बलराम यादव को दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। कैबिनेट में जो नए चेहरे शामिल किए गए हैं उनमें रविदास मेहरोत्रा, ज़ियाउद्दीन रिज़वी और शारदा शुक्ला शामिल हैं। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलायी।
बर्खास्त मंत्री बलराम यादव की फिर से इंट्री
शपथ लेने वालें में नारद राय, बलराम यादव, रविदास मेहरोत्रा व शारदा प्रताप शुक्ला शामिल रहे। जिआउद्दीन रिजवी दस जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगे। रिजवी इस समय उमरा करने के लिए बाहर गए हुए हैं।
शारदा प्रताप शुक्ला लखनऊ के सरोजनी नगरी से विधायक हैं। रविदास मेहरोत्रा लखनऊ मध्य से विधायक हैं जबकि मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी सिकंदरपुर से 12 साल बाद विधायक बने हैं। इसके साथ ही हाल ही में मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय के कोपभाजन बने बलराम यादव को अखिलेश ने फिर से अपने कैबिनेट में जगह दी है।
शपथ ग्रहण समारोह में बर्खास्त होने वाले मंत्रियों की संख्या के खूब कयास लगाए जाते रहे। ऐन शपथ ग्रहण के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिए जाने से पूरे कैबिनेट व सरकार में सनसनी हो गई।
मनोज पांडे की जगह लेंगे नारद राय
वहीं नारद राय को भी अखिलेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि नारद राय बर्खास्त मनोज पांडे की जगह ले सकते हैं। गौर हो कि उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के पहले सोमवार को अखिलेश सरकार ने मंत्री मनोज पांडे को बर्खास्त कर दिया गया।
शपथ ग्रहण समारोह में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के अलावा मुख्यमंत्री तथा मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्री शामिल रहे। वहीं समारोह में सभी बड़े चेहरों के बीच सीएम अखिलेश के ‘चाचा’ शिवपाल यादव समारोह से गायब दिखे। समाजवादी पार्टी का कहना है कि किसी ‘मसरूफियत’ के चलते शिवपाल समारोह में शामिल नहीं हो पाए लेकिन सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट विस्तार से पहले ही शिवपाल गृहनगर इटावा वापस लौट चुके हैं। माना जा रहा है कि कौमी एकता दल के विलय से हुई किरकिरी के बाद वे पार्टी से नाराज हैं। शिवपाल ने ही मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कराया था और अखिलेश ने विलय रद्द कर दिया था।
हालांकि शिवपाल यादव ने इन चर्चाओं को ठंडा करने के लिए अखिलेश यादव से फोन पर बात की है। कैबिनेट विस्तार में आजम खान भी नहीं पहुंचे। माना जाता है कि आजम खान अमर सिंह की सपा में वापसी से नाराज हैं। हालांकि सपा की ओर से सब कुछ सामान्य बताया जा रहा है।
अखिलेश कैबिनेट का सातवां विस्तार
बता दें कि अखिलेश कैबिनेट का ये सातवां विस्तार है। अब तक मंत्रिमंडल में 6 बार पहले भी विस्तार हो चुका है। इस विस्तार को मिशन 2017 की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
साभार: हिंदी इनाडु भारत
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