लखनऊ: कोविड-19 वायरस के वैश्विक प्रसार के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में कोरोना के फैलाव को रोकने, लाॅकडाउन में बंद हुए कारोबार निर्माण आदि कार्यों को पुनः चालू कराकर आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान की है। मुख्यमंत्री जी गठित टीम-11 की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए प्रदेश की जनता के लिए चिकित्सीय सुविधाएं, कोरोना परीक्षण, जांच, बेड अस्पतालों में देय सुविधाएं, मरीजों व उनके परिवारों, गरीबों श्रमिकों को खाद्यान्न वितरण कारखानों विभिन्न उद्योगों को कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग, सेनिजाइजर, मास्क आदि सुरक्षा अपनाकर चालू कराते हुए प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने का ठोस कदम उठाया है। लाॅक डाउन के बाद बन्द कार्यालयों को खोलना और अधिकारियों-कर्मचारियों को कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्येक विभाग, कार्यालय में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है।
देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोविड-19 के दौरान बन्द हुए कारोबार को दृष्टिगत रखते हुए देश में ही लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। आयातित वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण पर जोर दिया जाय। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार आर्थिक सहयोग भी दे रही है। जिन वस्तुओं, उत्पादों को बाहरी देशों से आयात किया जाता है, उन वस्तुओं के उत्पादन से देश में मांग की पूर्ति होगी और भारत आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ेगा। कोविड-19 के संकट को अवसर में बदलने के लिए सरकार ने बल दिया है। भारत वसुधैव कुटुम्बकम् की संकल्पना में विश्वास करता है और विश्व का एक हिस्सा है, इसलिए भारत की प्रगति होने से विश्व की प्रगति में योगदान भी होगा। आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत चिकित्सा क्षेत्र में दवा, उपकरण, सहायक यन्त्र, वस्त्र आदि वस्तुएं बनाने, स्थानीय व सार्वभौमिक वस्त्रों का निर्माण, इलेक्ट्रानिक की विभिन्न छोटी-बड़ी वस्तुएं, प्लास्टिक की आवश्यक वस्तुएं, खिलौने, खाद्यान्न की विभिन्न वस्तुएं, पैकेटिंग आदि विभिन्न प्रकार की सामग्री जिनका भौतिक जीवन में उपयोग होता है, उनके उत्पादन पर बल दिया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के 5 स्तम्भों पर जोर दिया गया है। जिसमें देश की अर्थव्यवस्था में बड़़ी उछाल हो, इसकी ऐसी अवसंरचना हो जो आधुनिक भारत की पहचान बने, इसकी प्रणाली प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था पर हो, भारत के कुशल श्रमिक कारीगर आदि आत्मनिर्भर भारत के ऊर्जा के óोत हैं उनका पूरा उपयोग हो, देश में मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए। जिससे देश की औद्योगिक प्रगति में तेजी आये।
उ0प्र0 सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बड़ा ही ऐतिहासिक एवं ठोस कदम उठाया है। प्रदेश में रोजगार कार्यक्रम के माध्यम से 4.03 लाख लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग इकाईयों को 10,600 करोड़ रू0 से अधिक के ऋण आॅनलाइन वितरित किये गये। ऋण प्राप्त इकाईयों द्वारा उद्योग स्थापना, उत्पादन सम्बन्धी कार्य शुरू कर दिये गये हैं। औद्योगिक इकाईयों में 1.25 करोड़ से अधिक कुशल अर्द्धकुशल श्रमिकों, तकनीशियन, कामगारों आदि को रोजगार मिला है।
प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों के उद्यम में 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। प्रदेश में उद्योगों की रफ्तार बढ़ाने के लिए 2.71 लाख उद्यमियों को 8679 करोड़ रू0 का ऋण भी वितरित किया गया है। जिससे विभिन्न उद्योगों की स्थापना करते हुए प्रदेश और देश की आवश्यक भौतिक वस्तुओं का उत्पादन हो और प्रदेश आर्थिक रूप से सम्पन्न हो। मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 के दौरान 98743 नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों की स्थापना हेतु 2447 करोड़ रू0 का ऋण वितरित किया है। इन इकाईयों के शुरू होने से स्थानीय स्तर पर लाखों कारीगरों, श्रमिकों को रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
प्रदेश सरकार ने देश के विभिन्न प्रान्तों में रोजगार के लिए गये उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों को लाॅक डाउन के दौरान ढाई हजार से अधिक टेªन व हजारों बस भेजकर 38 लाख से अधिक श्रमिकों, कामगारों को निःशुल्क सुरक्षित घर वापस लाया गया। सरकार ने घर वापस आये श्रमिकों में 35.49 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर उनके रोजगार का प्रबन्ध किया है। बाहर के प्रदेशों से आये श्रमिकों/कारीगरों, कामगारों को सेवायोजन के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते हुए उन्हें विभिन्न औद्योगिक, व्यापारिक इकाईयों में रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्तर पर तालाबों की खुदाई, चकरोडों के निर्माण, भूमि समतलीकरण कर कृषि योग्य बनाने, कूपो की सफाई निर्माण, नदियांे-नालों की सफाई, बन्धि, बन्धा, नाली खडं़जा निर्माण आदि परिसम्पत्तियों का निर्माण करते हुए मनरेगा के अन्तर्गत लगभग 85 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया है। मनरेगा के अन्तर्गत कराये जा रहे इस कार्य में 10 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं जिन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कोविड-19 के दौरान प्रदेश में 2.32 लाख से अधिक निर्माण कार्य मनरेगा के अन्तर्गत कराये गये हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिक परिवारों की लगभग 30 हजार महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों से आच्छादित करते हुए आजीविका संवर्द्धन सम्बंधित प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि हेतु व्यवस्था की गई है। प्रदेश में वनीकरण, उद्यानीकरण के माध्यम से भी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता दी जा रही है। लाॅक डाउन के दौरान दुकानें बन्द होने पर प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंण्डर्स आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना रोजगार शुरू करने के लिए 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी पर 12 मासिक किश्तों में 10 हजार रू0 का ऋण दिया जा रहा है। इस योजना से प्रदेश के लाखों शहरी पथ विक्रेता लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण में 1.12 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों/कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जिन दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों को लाॅक डाउन के शुरूआत में काम नहीं मिला था। ऐसे 53 लाख से अधिक मजदूरों के खातों में एक-एक हजार रू0 देते हुए उनकी आर्थिक सहायता की गई।
कोविड-19 के अन्तर्गत आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी/अवरूद्ध प्रवासी श्रमिकों सहित समस्त गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत प्राप्त खाद्यान्न के अतिरिक्त 05 किग्रा0 खाद्यान्न 1 किलो चना सहित कुल 15 करोड़ से अधिक लोगों को 6 बार में 45 लाख मीट्रिक टन से अधिक निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने कृषकों को फसली ऋण के साथ-साथ खाद, बीज, कृषि संयंत्र आदि पर छूट देते हुए उनकी उपज का सही मूल्य दे रही है। देश और प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण जो अर्थव्यवस्था सुस्त हुई थी उसमें सुधार और तेजी लाते हुए समृद्ध और सम्पन्न उ0प्र0 के निर्माण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने ठोस कदम उठाते हुए चतुर्दिक आर्थिक विकास की मजबूत नींव रखी है।