लखनऊ: उ0प्र0 पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ में नियुक्त पु0 उपाधीक्षक श्रीमती साधना सिंह को उनके परिचित श्री गौरव का फोन आया कि उनकी कोई सहकर्मी कु0 अर्चना जो इलाहाबाद से कोलकाता जा रही है ट्रेन की जिस बोगी में वह यात्रा कर रही है उसमे एक लड़की जिसकी उम्र लगभग 13-14 वर्ष है वह अपनी सौतेली मां व घरेलू परिस्थितियों से तंग आकर किसी अनजान व्यक्ति के बहकावे में आकर कोलकाता जाने वाली ट्रेन में रात में किसी समय चढ़ी है उसे उस अन्जान व्यक्ति द्वारा बच्ची को ‘‘गया जंक्शन‘‘ पर उतर कर फोन करने के लिये कहा गया है। कृपया उसकी मदद कीजिये अन्यथा किसी गलत हाथ में पड़ के उसका जीवन बर्बाद हो सकता है।
श्रीमती सिंह द्वारा चाइल्ड विंग का पर्यवेक्षण करने वाले उ0प्र0पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ में नियुक्त पु0उपाधीक्षक श्री सैफुद्दीन बेग से इस सम्बन्ध में वार्ता की गयी, श्री बेग द्वारा मामले की गम्भीरता को समझकर त्वरित कार्यवाही करते हुये Childline लखनऊ व Childline गया बिहार से सम्पर्क कर बच्ची को Rescue करने के लिये कहा गया।
इसी बीच अर्चना से सम्पर्क कर उक्त बच्ची को समझाने व यदि कार्यवाही में किसी कारण कोई बाधा उत्पन्न हो तो उसे ट्रेन में ही रोके रखने के निर्देश दिये। यद्यपि ट्रेन बिहार राज्य में चल रही थी और गया के निकट थी। उ0प्र0पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ का अधिकार क्षेत्र नहीं था, फिर भी सीमाओ व अधिकार क्षेत्र की परवाह किये बिना श्री सैफुद््दीन बेग द्वारा Rescue Operation का न केवल संचालन किया अपितु बच्ची को गया में किसी गलत हाथों में पहुंचने से पहले ही Childline Gaya के सहयोग से Rescue करा लिया तथा बच्ची को CWC, SJPU, DPO & GRP Gaya की मदद से Shelter Home Rescue Junction Gaya भेज दिया गया। जहां उसकी Counselling चल रही है। यदि किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की गलती व लापरवाही होती तो बच्ची का जीवन व अस्मिता संकट में पड़ सकती थी।