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कोविड-19 पर अपडेट

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नई दिल्ली: देश में कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए भारत सरकार राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों के सहयोग से क्रमिक, अग्रसक्रिय और पहले से अधिकृत प्रतिक्रिया रणनीति के माध्‍यम से विभिन्न कदम उठा रही है। इन निर्णयों और कदमों की उच्चतम स्तर पर नियमित समीक्षा और निगरानी की जा रही है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग और उसके 18 स्‍वायत्‍त निकायों तथा पीएसयू  के निदेशकों/प्रमुखों द्वारा संचालित शोध कार्य की समीक्षा की। उन्‍होंने ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत कोविड-19 के लिए एंटीबॉडी डिटेक्‍शन किट्स, रियल-टाइम पीसीआर आधारित डिटेक्‍शन किट्स और वैक्‍सीन  के विकास के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल श्री अनिज बैजल, दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्री सत्‍येंद्र जैन, दिल्‍ली के समस्‍त जिलों के एमसीडी आयुक्‍तों, डीएम और डीसीपी, केंद्र/राज्‍य और जिला निगरानी अधिकारियों और सरकारी अस्‍पतालों के प्रमुखों के साथ  वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए दिल्‍ली में कोविड-19 निगरानी की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक के दौरान श्री राजेश भूषण, ओएसडी (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय) और डॉ एस के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) भी मौजूद थे।

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने बहुत हल्‍के/पूर्व लक्षणात्‍मक रोगियों के लिए घर में आइसोलेशन में रहने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिन मरीजों के लिए उनके घर में सेल्‍फ-आइसोलेशन की आवश्‍यक सुविधा मौजूद है, उनके पास घर में आइसोलशन का विकल्‍प होगा। ये दिशानिर्देश स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के संदिग्‍ध/ पु‍ष्‍ट मामलों के उचित प्रबंधन के लिए 7 अप्रैल 2020 को जारी दिशा-निर्देशों के अतिरिक्‍त हैं। ये दिशा-निर्देश  एक्‍सेस करने के लिए https://www.mohfw.gov.in/pdf/GuidelinesforHomeIsolationofverymildpresymptomaticCOVID19cases.pdf पर उपलब्‍ध हैं।

कोविड-19के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी के बारे में आईसीएमआर की ओर से पहले ही स्‍पष्‍ट रूप से कहा जा चुका है कि वर्तमान में कोविड-19 के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी सहित कोई भी स्‍वीकृत थेरेपी नहीं है। यह उन अनेक थेरेपीज में से एक है, जिन पर इस समय प्रयोग किये जा रहे हैं। हालांकि अभी तक इसके उपचार होने के बारे में कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। आईसीएमआर ने इस थेरेपी के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक राष्‍ट्रीय अध्‍ययन भी आरंभ किया है। हालांकि यह स्‍पष्‍ट करने की जरूरत है कि जब तक आईसीएमआर का यह अध्‍ययन पूरा नहीं हो जाता और पुख्‍ता वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्‍ध नहीं हो जाते, शोध और परीक्षण के उद्देश्‍यों के अलावा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। वास्‍तविकता तो यह है कि प्‍लाज्‍मा थेरेपी के उपयोग से जीवन को संकट में डालने वाली जटिलताएं भी हो सकती हैं। प्‍लाज्‍मा थेरेपी के अध्‍ययन से इतर उपयोग के बारे में आईसीएमआर की ओर से पहले ही विस्‍तृत दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं।

आज तक देश में 17 ऐसे जिले ऐसे हैं, जहां पहले मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन  पिछले 28 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। कल से इस सूची में एक नए जिले का नाम भी जुड़ गया है (दो नए जिले जोड़े गए, जबकि एक जिले का नाम पिछली सूची से हटा दिया गया है)। जो जिले इस सूची में नए जोड़े गए हैं उनमें कालिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) और वायनाड (केरल) शामिल हैं। इस सूची से हटाया गया जिला लखीसराय (बिहार) है।

अभी तक 23.3 प्रतिशत की सुधार दर से 6,868 लोगों का उपचार किया जा चुका है। अभी तक देश में कोविड-19 के 29,435 पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मामलों के बारे में सभी प्रकार की विश्‍वसनीय और अद्यतन जानकारी, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों के लिए कृपया नियमित रूप से https://www.mohfw.gov.in/ देखें।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्‍नों को technicalquery.covid19@gov.in और अन्य प्रश्‍नों को ncov2019@gov.in पर ई-मेल के माध्‍यम से भेजा जा सकता है और @CovidIndiaSeva  पर ट्वीट के रूप में भेजा जा सकता है।

कोविड-19 के बारे में किसी भी प्रश्‍न के बारे में कृपया स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय को हेल्‍पलाइन नम्‍बर : +91-11-23978046 या 1075 (टोल फ्री) पर सम्‍पर्क करें। कोविड-19 के बारे में राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के हेल्‍पलाइन नम्‍बरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्‍ध है।

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