नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा एक वर्गीकृत, पूर्व-निर्धारित और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हुए, कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन की दिशा में कई कदम उठाया जा रहे हैं। इनकी उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है।
वर्तमान में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 56,316 है। अब तक कुल 36,824 लोग का उपचार किया जा चुका है। कल से, भारत में कोविड-19 से संक्रमित 2,715 रोगियों का उपचार किया जा चुका है। इससे हमारी ठीक होने की कुल दर 38.29% तक पहुंच गई है।
प्रति लाख आबादी के अनुसार पुष्ट मामलों के संदर्भ में, भारत में अब तक प्रति लाख जनसंख्या पर लगभग 7.1 मामले सामने आए हैं, जबकि पूरे विश्व में प्रति लाख आबादी पर 60 मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रति लाख पुष्ट मामलों की स्टेटस रिपोर्ट, 118 के आधार पर प्रति लाख आबादी पर कुल मामलों की स्थिति निम्न प्रकार है-
देश | मामलों की कुल संख्या | प्रति लाख आबादी पर पुष्ट मामले |
विश्व | 45,25,497 | 60 |
अमेरिका | 1,409,452 | 431 |
रूस | 2,81,752 | 195 |
यूनाइटेड किंगडम | 2,40,165 | 361 |
स्पेन | 2,30,698 | 494 |
इटली | 2,24,760 | 372 |
ब्राजील | 2,18,223 | 104 |
जर्मनी | 1,74,355 | 210 |
तुर्की | 1,48,067 | 180 |
फ्रांस | 1,40,008 | 209 |
ईरान | 1,18,392 | 145 |
भारत | 96,169* | 7.1 |
* 18 मई, 2020 तक के नवीनतम आंकड़े
व्यापक और शुरुआती उपायों से अब तक उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।
एमओएचएफडब्ल्यू द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लाल/ नारंगी/ हरे जोनों का वर्गीकरण करने के लिए 17 मई 2020 को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्यों को जिलों/ नगर निगमों को वर्गीकृत करने के लिए कहा गया है, या अगर उनके क्षेत्रीय आकलन के अनुसार उपखंड/वार्ड या किसी अन्य प्रशासनिक इकाई को लाल/ नारंगी/ हरे जोन के रूप में अनुबद्ध किया गया है।
इसे एमओएचएफडब्ल्यू द्वारा साझा किए गए मापदंडों के संयोजन के साथ बहुक्रियात्मक विश्लेषण के आधार पर किया जाना चाहिए, जिसमें कुल सक्रिय मामले, प्रति लाख आबादी पर सक्रिय मामले, मामलों के दोगुने होने की दर (7 दिनों की अवधि में गणना), मामलों में मृत्यु दर, परीक्षण अनुपात और परीक्षण की पुष्टि दर शामिल हैं।
क्षेत्रीय कार्रवाई के संदर्भ में, राज्यों से कंटेनमेंट और बफर जोन को सावधानीपूर्वक रेखांकित करने के लिए कहा गया है। राज्यों से कहा गया है कि वे इन कंटेनमेंट जोनों में रोकथाम योजनाओं का कठोरता के साथ कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
कंटेनमेंट जोनों में, विशेष टीमों द्वारा घर-घर की निगरानी के माध्यम से सक्रिय मामलों की खोज, नमूनों के लिए दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी मामलों का परीक्षण, संपर्क ट्रेसिंग, सभी पुष्ट मामलों का नैदानिक प्रबंधन प्राथमिकता वाले कार्य हैं। इस संबंध में समुदाय से सक्रिय भागीदारी के लिए कहा जाना चाहिए।
इसके अलावा, प्रत्येक कंटेनमेंट जोन के आसपास, एक बफर जोन को रेखांकित किया जाना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आसपास के क्षेत्रों में संक्रमण न फैले। बफर जोन में, स्वास्थ्य सुविधाओं में आईएलआई/ एसएआरआई मामलों की निगरानी के द्वारा मामलों की व्यापक निगरानी के लिए समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।
व्यक्तिगत स्वच्छता, हाथ की स्वच्छता और श्वसन शिष्टाचार जैसे निवारक उपायों के लिए प्रभावशाली सामुदायिक जागरूकता सुनिश्चित करना और आईईसी गतिविधियों के माध्यम से फेस कवर और शारीरिक दूरी के उपयोग को बढ़ावा देना बहुत ही महत्वपूर्ण है।