केंद्र सरकार ने कोविड -19 प्रबंधन के लिए कर्नाटक सरकार के प्रयासों की सराहना की है। इन प्रयासों में कोविड -19 पॉजिटिव मामलों के संपर्कों का व्यापक स्तर पर पता लगानाऔर घर-घर जाकर / फोन-आधारित घरेलू सर्वेक्षण करना शामिल है। इसके अंतर्गत 1.5 करोड़ से अधिक परिवारों को कवर किया गया है। इन दो पहलों को राज्य सरकार के ‘सम्पूर्ण दृष्टिकोण’ के रूप में विकसित किया गया है। इसके लिए बहु-क्षेत्रीय एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित की गयी है और प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों और तरीकों का उपयोग किया जा रहा है। प्रत्येक मामले का प्रभावी तरीके सेपता लगाया जा रहा है और उसकी निगरानी की जा रही है। इस प्रकार महामारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा रहा है।
महामारी की रोकथाम में संपर्क का पता लगाना महत्वपूर्ण है और इससे स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक बोझ न पड़ने में भी मदद मिलती है। कर्नाटक ने भारत सरकार द्वारा परिभाषित उच्च जोखिम और कम जोखिम वाले संपर्कों को शामिल करने के लिए ’संपर्क’ की परिभाषा में विस्तार किया है। कर्नाटक में प्राथमिक और द्वितीयक संपर्कों का सावधानीपूर्वक पता लगाया गया और उन्हें कठोर क्वारंटाइन में रखा गया।
राज्य द्वारा तैयार किए गए एसओपी विवरण के अनुसार,10,000 से अधिक प्रशिक्षित फील्ड स्टाफ,संपर्कों का पता लगाने की विशिष्ट जिम्मेदारीनिभाते हैं।एसओपी में प्रत्येक प्रशिक्षित कर्मी द्वारा विभिन्न चरणों में किये जाने वाले कार्यों का उल्लेख है। कार्य की विशालता को देखते हुए संपर्कों का पता लगाने तथा पॉजिटिवमरीजों की वास्तविक विस्मृतिव विभिन्न कारणों से तथ्यों को छिपाने जैसी चुनौती से निपटने के लिए मोबाइल ऐप और वेब एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है।
केंद्र ने अन्य राज्यों से इन सर्वोत्तम प्रथाओं को अपने स्थानीय जरूरत के अनुरूपबदलाव करने और उन्हें कोविड -19 महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए अपनाने का अनुरोध किया है।
राज्य बड़े निगम क्षेत्रों में स्थितस्लम में संक्रमण के प्रसार को कम करने में सक्षम रहा है। इसके लिए स्लम या इस तरह के क्षेत्रों में रहने वाले संपर्कों का अनिवार्य संस्थागत क्वारंटाइनकिया गया है। कर्नाटक आने वाले सभी लोगों / यात्रियों के लिए “सेवा सिंधु” पोर्टल पर पंजीकरण करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। जब इनलोगों को घर / संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाता है तो पोर्टल के जरिये राज्य,अगले कुछ दिनों इनपर निगरानी रख सकता है।’क्वारंटाइन वाच ऐप’ का उपयोग क्वारंटाइन को लागू करने में क्षेत्र के कर्मियों की सहायता करता है। राज्य ने सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से घरेलू क्वारंटाइन के लिए मोबाइल स्क्वॉड का भी गठन किया है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा क्वारंटाइन उल्लंघन के बारे में पड़ोसी या अन्य से जानकारी प्राप्त होती है, तो उस व्यक्ति को संस्थागत क्वारंटाइन में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
बुजुर्गों, सह-रुग्णता वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं और इंफ़्लुएंज़ा (आई एल आई ) / गंभीर श्वसन बीमारी (एसएआरआई) से पीड़ित व्यक्तियों जैसे उच्च जोखिम वाली आबादी की पहचान, रक्षा और उपचार के उद्देश्य सेकर्नाटक ने घर-घर जाकर / फोन आधारित घरेलू सर्वेक्षणकिया है।
सर्वेक्षण, मई 2020 के दौरान पूरा किया गया था और इसमें कुल 168 लाख घरों में से 153 लाख घरों को कवर किया गया। पोलिंग बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) को हेल्थ सर्वे ऐप तथा वेब एप्लिकेशन का उपयोग करके आवश्यक जानकारी एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गयी थी। सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा को स्वास्थ्य विभाग के पास पहले से उपलब्ध गर्भवतीमहिलाओं और टीबी / एचआईवी / डायलिसिस / कैंसर के रोगियों की जानकारी से संपूरित किया गया।नैसकॉमके सहयोगसे राज्य सरकार द्वारा स्थापित अपतामित्र टेली-परामर्श हेल्पलाइन (कॉल नंबर 14410) के माध्यम से एक आउटरीच अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसका उपयोग इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) और आउटबाउंड कॉल के माध्यम से जोखिम वाले घरों तक पहुंचने के लिए किया जाता है। यदि कोई परिवार कोविड -19 जैसे लक्षणों की सूचना देता है तो उन्हें टेलीमेडिसिन चिकित्सक द्वारा सलाह दी जाती है। फील्ड स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) उन घरों में जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गई है।