लखनऊः प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर माह तक गर्मी पड़ने की संभावना है। अतः प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में बिजली संकट न हो, पीक आवर में मांग के अनुरूप आपूर्ति में कमी न हो, इसके लिए अभी से पूर्ण तैयारी कर ली जाय। बरसात प्रारम्भ होने से पहले ही 20 जून तक विद्युत उत्पादन इकाईयों के लिए कोयले का पर्याप्त भण्डारण अक्टूबर माह तक के लिए कर लिया जाय। कोयले की कमी से इस वर्ष बिजली बाहर से न खरीदना पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था को सुधार कर इसे देश में शीर्ष स्थान पर लाना है। कम बिजली कटौती वाले देश के शहरों में प्रदेश के अधिक से अधिक शहरों को शामिल करने का प्रयास किया जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश के एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर व बनारस को सौभाग्यशाली जनपद के रूप में बिजली कटौती से मुक्त करके नो ट्रिपिंग जोन में शामिल किया जाय।
ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा आज यहां शक्ति भवन में विद्युत विभाग के प्रगति कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि उपभोक्ता हित में प्रदेश व्यापी विद्युत शिकायत संबंधी टोल फ्री नम्बर 1912 को और अधिक अपग्रेड किया जाय और इसे काॅलर टून से भी जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि 1912 की माॅनीटरिंग के लिए नोडल आफीसर की तैनाती की जाय। इसकी निगरानी के लिए गठित सेल की दैनिक रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाय। उन्होंने उपभोक्ताओं के लिए मध्यांचल के टोल फ्री नम्बर 18001800440 को भी ठीक से संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस टोल फ्री नम्बर पर काॅल करने पर काॅल कनेक्ट नहीं होता तथा कोई रिस्पांस भी नहीं मिलता, इसको तत्काल ठीक किया जाय।
ऊर्जा मंत्री ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एंव ग्राम स्वराज अभियान के तहत विद्युतीकृत गांवों में कार्यों के प्रचार-प्रसार हेतु होर्डिंग लगाने के निर्देश दिये। इस होर्डिंग में ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि व एवी काॅन्डक्टर लगाने का भी उल्लेख हो। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत चयनित गांवों का विद्युतीकरण 31 मई से पहले कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत हर घर को विद्युत कनेक्शन देना है। इसी प्रकार पं0 दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हर गांव को विद्युत कनेक्शन मिलना है। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन गांवों में बिजली का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं है। उसकी कार्ययोजना बनाकर नियमित माॅनीटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देशों एवं सूचनाओं का क्रियान्वयन नीचे स्तर तक हो, इसकी भी माॅनीटरिंग की जाय।
ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित किया कि पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड के साथ प्रदेश में कहीं भी लो-वोल्टेज की समस्या न हो, इसके लिए कैपसिटर बैंक को प्राथमिक उपकेन्द्रों में लगाने का कार्य 15 अगस्त तक हर-हाल में पूरा करें। उन्होंने सभी तैयार बिजली घरों व उपकेन्द्रों को शीघ्र ऊर्जीकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था के लिए जो डिस्काम, उत्पादन इकाइयां, एनटीपीसी, डिस्ट्रीब्यूशन व ट्रांसमिशन इकाइयां बेहतर कार्य करेंगी, उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा। उन्होंने संविदा कर्मियों की समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रत्येक डिस्काम स्तर पर सेल गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि अब संविदा कर्मियों की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग एजेन्सी का चयन डिस्काम स्तर पर किया जाय तथा संविदा कर्मियों के हित में एक माह के भीतर पोर्टल भी बनाया जाय।
बैठक में प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन श्रीमती अर्पणा यू ने बताया कि ग्राम स्वराज अभियान के दौरान 2.08 लाख घरों को विद्युत कनेक्शन दिये गये। इस दौरान गांवों के विद्युतीकरण में 67 प्रतिशत तथा घरों के विद्युत कनेक्शन में 64 प्रतिशत की प्रगति हुई, जो कि राष्ट्रीय औसत 49 प्रतिशत से अधिक है। बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन उ0प्र0 पावर कारपोरेशन श्री आलोक कुमार, प्रबन्ध निदेशक उत्पादन निगम श्री अमित कुमार, निदेशक कार्मिक, प्रशासन व प्रबन्धन श्री एस.पी. पाण्डेय के साथ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।