नई दिल्ली: पेशी के पहले कन्हैया कुमार के साथ मारपीट हुई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट से कार्रवाई रोकने को कहा है।
पेशी से ठीक पहले कोर्ट परिसर में मौजूद वकील उग्र हो गए और उन्होंने कन्हैया और वहां मौजूद पत्रकारों पर भी पत्थर फेंके। कन्हैया ने खुद कोर्ट में यह बात कही है कि वकीलों ने उस पर हमला किया। इस घटना के बाद कोर्ट ने कन्हैया कुमार को 2 मार्च तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने जेल परिसर और पुलिस को इस बात के सख्त निर्दश दिए हैं कि कन्हैया की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 वकीलों की एक टीम को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा था जिन्होंने कोर्ट को यह बताया है कि पुलिस कन्हैया को सुरक्षा देने में नाकाम रही। यह टीम पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच चुकी है और पूरे मामले का जायजा ले रही है। इस टीम में वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल भी शामिल हैं।
गृह सचिव ने कहा है कि यह मामला काफी गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट मांगेंगे कि कोर्ट परिसर में 400 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से यह बयान दिया गया है कि कोर्ट में कन्हैया से हुई मारपीट में दिल्ली पुलिस का भी हाथ है।
कन्हैया कुमार की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी से ठीक पहले कोर्ट कैम्पस में जमकर नारेबाजी हुई। वकीलों के दो गुट आपस में भिड़ गए। इनमें से एक गुट कन्हैया के विरोध में नारेबाजी कर रहा था जबकि दूसरा गुट कन्हैया के पक्ष में। गेट नंबर 2 के पास वकीलों, पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ जमा हो गई। इससे पहले इसी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में वंदे मातरम् के नारे लगे थे। राजीव तड़क नाम के एक वकील को हिरासत में ले लिया हालांकि माफी मांगने के बाद उसे छोड़ दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटियाला हाउस कोर्ट रूम में पांच और पूरे कैम्पस में 25 से ज्यादा जर्नलिस्ट न रहें। कोर्ट रूम में कन्हैया का परिवार और जेएनयू के दो फैकल्टी ही रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस के वकीलों ने कहा की पटियाला कोर्ट में सिक्युरिटी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जेएनयू विवाद में हुई कार्रवाई की जानकारी देने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी पीएमओ पहुंचे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम नारा लगाने के आरोपी पांच और स्टूडेंट की तलाश कर रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की जा रही है। गृह मंत्रालय कन्हैया को लेकर अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है। नारे लगाने के अलावा भी कई हरकतें देशद्रोह के दायरे में आती है। जिसकी जांच अभी की जा रही है।
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कन्हैया ने कहा है कि उसने देशविरोधी नारे नहीं लगाए थे। इधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने इन खबरों को गलत बताया कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे नहीं लगाए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से कन्हैया को क्लीन चिट नहीं दी जा रही है। कमिश्नर ने कहा कि पुलिस ने ठोस आधार पर ही कन्हैया का रिमांड कोर्ट में मांगा था, कोर्ट ने वह रिमांड दिया भी।