नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरा चरण शुरू होते ही कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ हमला बोल दिया। पार्टी ने सोनिया गांधी के खिलाफ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह के बयान को लोकसभा में मुद्दा बनाया । कांग्रेस सांसदों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग करते हुए हंगामा करने के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित करना दूसरी तरफ, गिरिराज सिंह ने एक बार फिर अपने बयान पर खेद जताया और कहा
कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था। उन्होंने लोकसभा में कहा कि इसके बावजूद किसी को उनकी बातों से दुख पहुंचा है तो मुझे खेद है। गौरतलब है कि गिरिराज सिंह ने पिछले महीने एक अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि राजीव गांधी अगर किसी नाइजीरियन महिला से शादी किए होते, जो गोरी चमड़ी की नहीं होती तो क्या कांग्रेस उनका नेतृत्व स्वीकार करती। हमीरपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लोगों से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने यह टिप्पणी की थी। हालांकि, मामले पर विवाद बढ़ने पर गिरिराज सिंह ने कहा था कि अगर उन्होंने सोनिया या राहुल समेत किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाया है, तो उन्हें इसके लिए खेद है। बीजेपी ने भी इस बयान से पल्ला झाड़ लिया था। पार्टी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी किसी भी तरह के भेदभाव का हमेशा से विरोध करते रही है।
सोमवार को कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री और नेता अनर्गल बयानबाजी करते हैं। उन्होंने कहा, ‘गिरिराज सिंह मंत्री हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रंग को लेकर अशोभनीय टिप्पणी करते हैं। हमारे देश में महिलाओं को पूजा जाता है, लेकिन मंत्री अशोभनीय टिप्पणी करते हैं। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह माफी मांगे।’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जोरदार विरोध जाताया कि जब भी वो बोलने के लिए खड़े होते हैं तो माइक बंद कर दिए जाते हैं। केंद्र सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसी किसी भी टिप्पणी की सरकार घोर निंदा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है और ऐसे में प्रधानमंत्री को बीच में लाने की कोई जरूरत समझ नहीं आती। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें भी मंत्री की टिप्पणी अशोभनीय लगी। महाजन ने कहा, ‘मैं सभी दलों से अपील करती हूं कि वह अपने नेताओं को समझाएं कि वह अनर्गल बयानबाजी न करें।’
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