देहरादून: केन्द्रीय शहरी विकास, आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री एम वैंकया नायडू एवं मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश में संचालित नगरीय विकास से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में आयोजित बैठक में सम्बंधित विभाग के केन्द्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य तौर पर स्मार्ट सिटी योजना, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छ भारत मिशन, राजीव आवास योजना, जे.एन.एन.यू.आर.एम सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वैंकया नायडू ने कहा कि उन्होने राज्य में संचालित योजनाओं का जायजा लिया है। शीघ्र ही केन्द्रीय शहरी विकास सचिव राज्य का भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयो का निराकरण करेंगे। उन्होने कहा कि राज्यों को अपने संसाधनो को बढ़ाना होगा। जेएनएनयूआरएम, राजीव आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के अन्तर्गत 2014 तक पूरी होने वाली योजनाओं एवं जिन योजनाओं पर कार्य 50 प्रतिशत हो चुका है उनके लिये धनराशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। जिन योजनाओं का कार्य 50 प्रतिशत से कम हुआ है उन्हे अब नयी योजनाओं में सम्मिलित किया जयेगा तथा उसी के अनुसार वित्तीय स्वीकृति भी दी जायेगी।
श्री नायडू ने कहा कि उत्तराखण्ड के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। देश में बनने वाले 100 स्मार्ट सिटि मे देहरादून भी शामिल है इसके लिये केन्द्र सरकार 100 करोड़ रूपये उपलब्ध करायेगी। इसके मानक निर्धारित कर दिये गये है। उन्होने कहा कि पिथौरागढ़ के सीमान्त क्षेत्र में बीआरओ की कार्यदायी संस्था केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित की जा रही सड़को के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये वे अधिकारियों को सख्त निर्देश देंगे ताकि सीमान्त क्षेत्र में सड़को का निर्माण शीघ्रता से हो। उन्होने मुख्यमंत्री से केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को हरिद्वार में होलिडे होम के लिये 2 हेक्टियर तथा हल्द्वानी में कार्यालय के लिये 3 हेक्टियर भूमि उपलब्ध कराने व सी.पी.डब्लू.डी को प्रदेश में कार्यदायी संस्था के रूप में भी नामित करने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं के लिये धनराशि उपलब्ध कराने के मानको में परिवर्तन के कारण राज्य को नुकसान उठाना पड़ रहा है। नीतिगत परिवर्तन एवं फंडिंग पेटर्न बदलने से राज्य के हितों को गहरी चोट पहंुची है इससे राज्य को 2500 करोड़ का नुकसान हो रहा है। छोटा हिमालयी राज्य होने के नाते हमारी क्षमता कम है। उन्होने फंडिंग पेटर्न का पहले की भांति बनाये रखने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में दो सेट लाइट टाउन विकसित करने एवं प्रदेश में एक नया हिल टाउन विकसित करने में मदद देने की बात कही। उन्होने सालिड वेस्ट मैनजेमंेट योजना में बड़े शहरो की भांति छोटे शहरो को भी शामिल करने की अपेक्षा की। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी गैप फंडिंग की मांग उन्होने रखी। उन्होने कहा कि अभी हम योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 50-50 के वित्तीय प्राविधानों के तहत में आने में असमर्थ है। नमामि गंगे व स्वच्छता मिशन को शत प्रतिशत सहायता के साथ अन्य योजनाओं को पूर्व की भांति 80-20 में रखा जाय। शहरी क्षेत्रों में बनने वाले शौचालयों को भी ग्रामीण क्षेत्रो मे बनने वाले शौचालयों की भांति 12 हजार की धनराशि दी जाय, अभी यह धनराशि 4 हजार ही है। छोटे शहरो व पेरी अर्बन एरिया के लिये भी एसी योजना बनायी जाय ताकि उनकी क्षमता विकास में मदद मिल सके।
उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अधीन पूरे प्रदेश में 5 लाख शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 50 हजार नगरीय क्षेत्रों में अभी बनाये जाने है इसके लिये 600 करोड़ की जरूरत है, चमोली व रूद्रप्रयाग दो जनपदों को हमने स्वच्छ जनपद बनाने का निर्णय लिया है। पूरे राज्य को स्वच्छता मिशन से कवर करने के लिये 5 साल के प्लान को दो साल में पूरा करने के लिये हडको के माध्यम से सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध कराने की भी मांग उन्होने रखी।
उन्होने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को आवश्यकतानुसार भूमि उपलब्ध कराने के साथ ही उसे भी राज्य सरकार की कार्यदायी संस्था बनाये जाने पर विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने आगमी अर्द्ध कुम्भ मेले के लिये भी आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने की मांग केन्द्रीय मंत्री से की।
इस अवसर पर सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, माला राज लक्ष्मी शाह, संसदीय सचिव मनोज तिवारी, मुख्य सचिव एन रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, सचिव नगर विकास डी.एस. गब्र्याल, केन्द्रीय मंत्री के निजी सचिव एस सुरेश, शहरी विकास मंत्रालय के व केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।