नई दिल्ली: लाभदायक रोजगार प्राप्त करने के उद्देश्य से अब तक 38.32 लाख शहरी गरीब लोगों को आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के सहयोग से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। यह जानकारी आज राज्यसभा में केन्द्रीय शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री श्री बाबू सुप्रियो ने एक लिखित उत्तर में दी। स्वरोजगार या वेतनभोगी रोजगार के लिए शहरी गरीबों को कौशल प्रशिक्षण देने की दो प्रमुख योजनाएं हैं।
1997 में शुरू की गई स्वर्णजयंती शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत शहरी गरीबों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण से रोजगार ( स्टेप-अप) इनमें से पहली प्रमुख योजना है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के भाग कौशल विकास और नियोजन द्वारा रोजगार के अंतर्गत भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। स्टेप-अप के अंतर्गत 35.26 लाख और एनयूएलएम के अंतर्गत 3.06 लाख शहरी गरीबों की कौशल विकास के लिए सहायता की गई।
कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश का स्थान पहला रहा जहां 5.06 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद महाराष्ट्र में 4.86 लाख, उत्तर प्रदेश में 4.51 लाख, कर्नाटक में 4.08 लाख, तमिलनाडु में 3.33 लाख, आंध्र प्रदेश में 3.25 लाख, गुजरात में 2.22 लाख, बिहार में 2.11, पश्चिम बंगाल में 1.98 और राजस्थान में 1.07 लाख युवाओं को कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण प्रदान किए गए। शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के द्वारा दो लाख शहरी गरीबों को प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।