रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डीवी सदानंद गौड़ा ने आज एक लिखित जवाब में राज्यसभा को सूचित किया कि भारत सरकार ने उर्वरक को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (ईसीए) के तहत एक आवश्यक वस्तु के रूप में अधिसूचित किया है और ईसी अधिनियम के तहत उर्वरक (नियंत्रण) आदेश (एफसीओ), 1985 एवं उर्वरक (संचालन नियंत्रण) आदेश, 1973 को अधिसूचित किया है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकारों को उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के अलावा अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उर्वरकों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त रूप से सशक्त बनाया गया है। राज्य सरकारों को तलाशी लेने, जब्ती करने और एफसीओ, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए भी सशक्त बनाया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। यूरिया के 45 किलोग्राम के बैग का एमआरपी (नीम-कोटिंग के लिए शुल्क तथा लागू होने वाले करों को छोड़कर) 242 रुपये प्रति बैग है और यूरिया के 50 किलोग्राम के बैग का एमआरपी (नीम-कोटिंग के लिए शुल्क तथा लागू होने वाले करों को छोड़कर) 268 रुपये प्रति बैग है। इसी के अनुरूप, सभी किसानों को रियायती मूल्य पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि बाजार से अधिक मूल्य पर यूरिया खरीदने वाले किसानों के बारे में उर्वरक विभाग को किसी भी राज्य सरकार से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
श्री गौड़ा ने यह भी बताया कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है।