लखनऊ: वर्ष 2015-16 के लिए उत्तर प्रदेश के विकास एजेण्डा का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर एजेण्डा के सूत्रों का प्रभावी एवं समयबद्ध कार्यान्वयन हेतु गहन समीक्षा सुनिश्चित करें।
इन निर्देशों में कहा गया है कि जिला अधिकारी द्वारा प्रगति सूचना तैयार कराकर समीक्षा के बाद संबंधित मण्डलायुक्त को विलम्बतम प्रत्येक माह की 07 तारीख तक भेज दी जाय। मण्डलायुक्तों द्वारा प्रत्येक माह की 12 तारीख तक प्रगति की समीक्षा की जायेगी। इसके बाद जिला अधिकारी प्रत्येक माह की 14 को सायं 05ः00 बजे तक इस प्रगति रिपोर्ट को कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्चपकण्नचण्दपबण्पद पर दिये गये संबंधित लिंक पर अपलोड करायेंगे। शासन स्तर पर प्रत्येक माह की 14 तारीख को सायं 05ः00 बजे के बाद इस वेबसाइट को लाॅक कर दिया जायेगा।
इस संबंध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि जनपद एवं मण्डल स्तर पर एक बैठक करने के स्थान पर जिला अधिकारी अपने विवेकानुसार माह में सेक्टरवार बैठकें निर्धारित कर संबंधित बिन्दुओं की गहन समीक्षा कर सकते हैं। इसी प्रकार मण्डलायुक्त भी मण्डल स्तर पर सेक्टरवार विभागों की अलग-अलग बैठकें कर एजेण्डा बिन्दुओं की गहन समीक्षा कर सकते हैं। निर्देशों में कहा गया है कि मण्डल स्तर पर होने वाली सेक्टरवार सभी बैठकों में जिलाधिकारी की उपस्थिति जरूरी नहीं है।
शासनादेश में कहा गया है कि एजेण्डा बिन्दुओं पर जनपद/मण्डल द्वारा अर्जित की गई प्रगति को संबंधित जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त की उपलब्धियों के रूप में भी आंकलित किया जायेगा तथा इन अधिकारियों का वार्षिक मूल्यांकन करते समय इस बात को ध्यान में रखा जायेगा कि उनके द्वारा विकास एजेण्डा पर कितनी सार्थक और परिणामजनक कार्यवाही की गई है।