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वर्तमान सरकार में 75 प्रतिशत धनराशि का कृषि क्षेत्र के लिए प्राविधान किया: राजेन्द्र चैधरी

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि ताजमहल और कुतुबमीनार के अलावा भी अब कुछ नए आश्चर्य सामने आ रहे हैं। कुछ ऐसे दलों ने किसानों के मसलों पर आंदोलन करने का इरादा जताया है जिनका कभी किसान और गांव-खेत से कोई नाता-रिश्ता नहीं रहा है। इसके बावजूद उक्त दल किसानों के लिए घडि़याली आंसू बहाते नजर आता हैं।

         प्रदेश का किसान जानता है कि समाजवादी सरकारें ही उनके दुःखदर्द साझा करती हैं। चौधरी चरण सिंह का अनुसरण करते हुए श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में बजट की 70 प्रतिशत धनराशि गांव-किसान के लिए आरक्षित की जबकि उससे भी आगे मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2015-16 के बजट में 75 प्रतिशत धनराशि का कृषि क्षेत्र के लिए प्राविधान किया है। जो विपक्षी आज किसानों के हमदर्द बन रहे हैं उनकी सरकारों में किसानों का सिर्फ शोषण ही हुआ है।
         किसानों के लिए झूठी हमदर्दी जतानेवालों को जानना चाहिए कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे में जिन किसानों की जमीने बसपा सरकार में ली गई उन्हें मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा श्री राजेन्द्र चैधरी, मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति ने 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा तथा 10 प्रतिशत विकसित भूमि वापस करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री जी ने इस निर्णय को लागू कराकर 6 जिलो यथा गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा एवं आगरा के किसानों को बड़ी राहत दी।
          आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 300 किलोमीटर होगा। उसमें जिन किसानों की जमीन ली गई है उन किसानों को उनकी सहमति से पर्याप्त मुआवजा दिया गया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की किसानों के हित में नीति को जाता है। इस एक्सप्रेस वे पर चार मण्डियां दूधमण्डी, सब्जी फल मण्डी, अनाज मण्डी तथा आलू मण्डी स्थापित की जा रही है जिससे किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब दाम भी मिलेगा। साथ ही यह एक्सप्रेस वे किसानों की प्रगति में सहायक भी होगा।
          ओलावृष्टि से किसानों की रबी फसल क्षतिग्रस्त हुई है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, जो स्वयं कृषक परिवार से आते हैं, ने प्राकृतिक आपदा से परेशान किसानों के दर्द को समझकर तत्काल राहत की घोषणा की। प्रदेश के ढाई करोड़ किसानो के लाभ के लिए 5 लाख रूपए की किसान बीमा की सुविधा दी जा रही है। समाजवादी सरकार ने 7,57,000 किसानों का 1170 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया। उनकी बंधक जमीन की नीलामी पर रोक लगाई गई। ऐसे में किसानो की आत्महत्या को लेकर सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाने वाले केवल अनर्गल बयानबाजी करके जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।
           किसानों के दर्द में शामिल होने के बजाय विपक्षी नेता उनकी परेशानियां और बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2015-16 को “किसान वर्ष“ घोषित किया है। वे ज्यादा से ज्यादा  किसानों को राहत देना चाहते हैं। विपक्षी किसानों की मोहरा बनाकर प्रदेश की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने औेर अराजकता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी प्रदेश के विकास के लिए संकल्पित हैं। उनके इन प्रयासों में रोड़ा अटकानेवाले कभी सफल नहीं होगें।

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