लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिलाधिकारियों को ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मनरेगा के तहत पात्रता के आधार पर ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
इससे जरूरतमन्द किसानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने आगाह किया कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि दैवीय आपदा से हुई जनहानि की जांच एस0डी0एम0 स्तर से नीचे स्तर के अधिकारी द्वारा नहीं की जाएगी।
बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा अब तक 515 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। यह वितरण 11 लाख 70 हजार किसानों के मध्य किया गया है। नवीनतम मानक के अनुसार 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति के आधार पर अभी तक 65 जनपदों में क्षति की सूचना प्राप्त हुई है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अतिवृष्टि को आपदा घोषित किए जाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कृषि क्षति के सापेक्ष प्रत्येक किसान को न्यूनतम 01 हजार 500 रुपए की धनराशि प्रदान की जाए।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मण्डलायुक्तों को कृषि फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को बीमा क्लेम दिलाए जाने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश भी पूर्व में दिए जा चुके हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस दैवी आपदा से प्रभावित किसानों को राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक कोई भी धनराशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से ही प्रभावित किसानों को राहत पहुंचा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत वितरण किए जाने हेतु अब तक 1100 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित किसानों को राहत वितरण में पूर्ण पारदर्शिता व सावधानी बरती जाए। यदि किसानों को राहत वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता पाई जाएगी, तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रभावित किसानों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने तथा वसूली हेतु किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन द्वारा आपदा के मद्देनजर बैंकों को किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को रीशेड्यूल करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित ऐसे जनपद जहां कृषि क्षति 33 प्रतिशत या इससे अधिक है, वे महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, पीलीभीत, बांदा, कन्नौज, मिर्जापुर, इलाहाबाद, सहारनपुर, बदायूं, आजमगढ़, सोनभद्र, उन्नाव, आगरा, कानपुर नगर, अमेठी, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, झांसी, ललितपुर, औरैया, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, कानपुर देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा, कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर, बलिया, गोरखपुर, सम्भल, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस, शामली, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, कौशाम्बी, बहराइच, बाराबंकी, सुलतानपुर, बागपत, लखनऊ, गाजीपुर, गाजियाबाद, रायबरेली, जौनपुर, वाराणसी, अमरोहा, भदोही, अम्बेडकर नगर, मऊ, मेरठ, सीतापुर तथा हरदोई हैं।