लखनऊ: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रशान्त त्रिवेदी की अध्यक्षता में आज गोमती नगर, लखनऊ स्थित एक होटल में प्रदेश में मीज़ल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर से आये जिला टीकाकरण अधिकारियों, रेडियो जॉकी, एवं इस अभियान के अन्य भागीदारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही प्रदेश के 7.57 करोड़ बच्चों का मीज़ल्स और रुबैला का प्रतिरक्षण सफल रूप से हो सका है।
प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने कहा मीज़ल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान उत्तर प्रदेश के बच्चों को दो संक्रामक रोगों-मीज़िल्स और रूबेला से बचाने के लिए एक बड़े समन्वित प्रयास के रूप में उभरा है। अब हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के लिए भी ऐसी ही सफलता प्राप्त हो। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में इस अभियान को सफल बनाने में 2,77,284 स्कूल सत्र, 1,90,282 आउटरीच सत्र और प्रदेश के 75 जिलों के 820 ब्लॉकों में 24,777 वैक्सीनेटर और एएनएम शामिल थे।
महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश, डॉ. नीना गुप्ता ने कहा कि जहाँ एमआर अभियान दूसरे राज्यों में एक चुनौती बन उभरा था, हमने उन चुनौतियों से सीख प्रदेश में बेहतर परिणाम लाना सुनिश्चित किया। प्रदेश में गत 26 नवंबर, 2018 से प्रारम्भ हुए मीज़ल्स रूबेला अभियान के दौरान 9 महीने से 15 वर्ष के बीच के 7.57 करोड़ बच्चों का टीकाकरण करके निर्धारित लक्ष्य का 99 प्रतिशत आंकड़ा हासिल कर लिया है। इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थय मंत्री द्वारा भी सरकार द्वारा अर्जित इस सफलता के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ, को पत्र के माध्यम से बधाई दी गयी।
इस अभियान को सफल बनाने में तीस प्रेरकों की भूमिका काफी अहम् रही। इन प्रेरकों में विधायक, शिक्षाविद, डॉक्टर, एवं धार्मिक नेता आदि शामिल थे और इन्होंने वीडियो संदेशों के माध्यम से लोगों को अपने बच्चों का टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित किया। तमाम जिलाधिकारियों ने भी अपने बच्चों को एमआर वैक्सीन से प्रतिरक्षित करवाकर समाज में उदाहरण स्थापित किया। साथ ही, धार्मिक नेताओं ने सभी धर्मों के अनुयायियों को अपने समाज के बच्चों को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। विविध गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भी इस अभियान के बेहद सशक्त तकनीकी सहायता प्रदान की।
एक वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में भारत ने 2020 तक देश से खसरा को खत्म करने और रूबेला को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के अंतर्गत 9 महीने से 15 वर्ष की आयु के बीच के 41 करोड़ बच्चे और किशोर/किशोरियों का टीकाकरण होना है। उत्तर प्रदेश भारत में इस अभियान को शुरू करने वाला उन्तीसवाँ राज्य है और 7.57 करोड़ बच्चों के टीकाकरण के बाद देश के लिए निर्धारित लक्ष्य में लगभग पच्चीस प्रतिशत का योगदान कर रहा है।