लखनऊः स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (एम0एम0आर0) को कम करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मातृ स्वास्थ्य कार्यशाला के अवसर पर इन उपलब्धियों पर उ0प्र0 को सम्मानित किया।
सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उ0प्र0 ने ‘‘अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के बीच टीमवर्क को मजबूत करते हुए, सर्वश्रेष्ठ एएनएम-आशा कार्यकर्ताओं की टीम’’ को प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। वहीं ‘बड़े राज्यों में संस्थागत प्रसव में वृद्धि के क्षेत्र में’ उ0प्र0 को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने राष्ट्रीय मातृ स्वास्थ्य कार्यशाला के अवसर पर बधाई देते हुए कहा देश ने मातृ मृत्यु दर (एम.एम.आर.) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। वर्ष 2014 से 2016 के दौरान 130 प्रति लाख जीवित जन्म के मुकाबले वर्ष 2018 से 2020 में 97 प्रति लाख जीवित जन्म में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है। मातृ मृत्यु दर में कमी के लिए ‘सतत विकास लक्ष्य एजेंडा 2030’ के साथ श्रेणीबद्ध करते हुए कार्यशाला का विषय ‘शून्य निवारणीय मातृ मृत्यु दर के लिए प्रयास’ था।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्त करने वाले राज्यों की संख्या भी अब छह से बढ़कर आठ हो गई है। डॉ. पवार ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य मेट्रिक्स के मामले में देश की उपलब्धियों के संदर्भ में कहा कि ‘यह केवल सरकार, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज का दायित्व ही नहीं है, बल्कि देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करना और भारत में शून्य रोकथाम योग्य मातृ मृत्यु दर की दिशा में काम करना अपना कर्तव्य समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर में तेजी से गिरावट स्वास्थ्य पहलों में निवेश एवं सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार के समर्पण को प्रदर्शित करती है।’
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि मातृ स्वास्थ्य से जुड़ी सर्वाेत्तम प्रथाओं पर नियमित रूप से चर्चा और जानकारी साझा की जानी चाहिए। कोविड महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी के तेजी से अनुकूलन का उदाहरण देते हुए डॉ. पवार ने कहा कि सभी के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के हमारे प्रयास में ई-संजीवनी के माध्यम से टेली-परामर्श जैसी प्रौद्योगिकी के अभिनव प्रयासों को लागू किया जा सकता है।
पुरस्कार प्राप्त होने पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उ0प्र0 श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य चुनौतियों के सापेक्ष यह सम्मान विशेष प्रेरणादायी है जो भविष्य में मातृत्व मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। साथ ही स्वास्थ्य के अन्य क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मानकों को सकारात्मक बदलाव का द्योतक बनेगा। वहीं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 श्रीमती अपर्णा उपाध्याय द्वारा मातृ स्वास्थ्य टीम के समर्पित कार्य एवं नवीन प्रयासों की निरंतरता को कायम रखते हुए मातृ मृत्यु को कम करने के सतत प्रयास को जारी रखने हेतु उत्साहवर्धन कर बधाई दी। राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त होने पर प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों में हर्ष व्याप्त है।
‘बड़े राज्यों में संस्थागत प्रसव में वृद्धि के क्षेत्र में’ राज्य प्रतिनिधि डॉ0 शमिता प्रधान, उप महाप्रबंधक-मातृ स्वास्थ्य द्वारा राज्य की ओर से द्वितीय पुरस्कार ग्रहण किया गया।
उप केन्द्र इलाहवास, ब्लॉक-बिसरख, जनपद गौतमबुद्ध नगर की ए0एन0एम0 गीता जी एवं आशा कार्यकत्री रितु कुमारी जी द्वारा ‘‘अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के बीच टीमवर्क को मजबूत करते हुए, सर्वश्रेष्ठ एएनएम-आशा कार्यकर्ताओं की टीम’’ श्रेणी में प्रथम पुरस्कार ग्रहण किया गया।