लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने सेक्टरवार निवेशक फ्रेण्डली नीतियां बनाकर उन्हें लागू किया है,
इससे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए बड़ी संख्या में उद्यमी आगे आ रहे हैं। प्रदेश को लेकर निवेशकों एवं उद्यमियों की धारणा में तेजी से परिवर्तन आया है, जिसका लाभ निवेशकों के साथ-साथ राज्य की जनता को भी मिलने लगा है। इसी प्रकार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतांे से बिजली उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश मिनी ग्रिड नीति-2016 लागू की गई है। जिससे गैर विद्युतीकृत मजरों को बिजली मिलने में आसानी होगी तथा स्थानीय लोगों के जीवनस्तर में सुधार भी होगा।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में द राॅकफेलर फाउण्डेशन के तत्वावधान में आयोजित उत्तर प्रदेश मिनी ग्रिड काॅन्क्लेव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षाें में बिजली के उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्रों मंे बुनियादी सुविधाओं के विकास में भारी धनराशि खर्च की गई है। फलस्वरूप राज्य सरकार इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में 14 घण्टे, तहसील क्षेत्रों में 16 घण्टे, मण्डल मुख्यालयों में 22 घण्टे तथा कवाल टाउन्स में
24 घण्टे विद्युत आपूर्ति करने में सफल हो रही है। आगामी वर्षाें में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समाजवादी सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। मिनी ग्रिड स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनायी गई नीति की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि सभी स्टेक होल्डर (राज्य सरकार, निवेशक, बैंकर्स आदि) मिलकर बड़े पैमाने पर मिनी ग्रिड की स्थापना करने का प्रयास कर सकते है। ताकि अधिक से अधिक मजरों को कम से कम समय में गैरपारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के जरिए बिजली पहुंचाई जा सके। उन्होंने अतिरिक्त ऊर्जा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासांे की सराहना करते हुए कहा कि विभाग के सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा योजनाओं को तेजी से लागू कराने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रदेश के हर घर से अंधेरा दूर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्व0 डाॅ0 एपीजे अब्दुल कलाम ने विकास के लिए 09 बिन्दुओं पर काम करने की सलाह राज्य सरकारों को दी थी। इनमें से एक महत्वपूर्ण बिन्दु गांव में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना भी था। उनके सुझाव पर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से पूर्व राष्ट्रपति पूरी तरह से संतुष्ट थे। इसीलिए डाॅ0 कलाम ने 07 जुलाई, 2015 को जनपद कन्नौज की तिर्वा तहसील में 250 किलोवाॅट के सोलर पावर प्लाण्ट का लोकार्पण किया था। इस प्लाण्ट से अत्यंत पिछड़े एवं अभावग्रस्त फकीरपुरा तथा चन्दुआहार गांव को बिजली मिलने लगी है। परिणामस्वरूप इन दोनों गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार आया है।
श्री यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोहिया ग्रामीण आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों में सोलर पैक की व्यवस्था की गई है। साथ ही, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत 70 हजार सोलर स्ट्रीट लाइट भी स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा, राज्य में बड़े पैमाने पर सोलर पावर प्लाण्ट भी स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास एवं नीतियों को बनाने में सभी के सुझावों को ध्यान में रखा जा रहा है। इससे राज्य में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि भारत में किसी राज्य सरकार द्वारा मिनी ग्रिड की स्थापना के लिए पहली बार इस प्रकार की नीति बनायी गई है, जिसमें अनुदान एवं गैर-अनुदान आधारित निवेश पर स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। अनुदान आधारित मिनी ग्रिड पाॅलिसी में कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जिससे जनता को राहत मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अच्छी तरह से जानती है कि प्रदेश के आर्थिक विकास में बिजली की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए बिजली क्षेत्र के विकास के लिए बड़े पैमाने पर लगातार काम किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा नीति एवं उत्तर प्रदेश रूफटाॅप सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लाण्ट नीति बनाकर इन्हें लागू किया गया है। इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों के कार्यालय भवनों पर रूफटाॅप सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लाण्ट की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर मजरों के विद्युतीकरण एवं सोलर पम्पसेटों की स्थापना के लिए भी काम चल रहा है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा ने कहा कि मिनी ग्रिड पाॅलिसी में उद्यमियों को स्वतंत्रतापूर्वक कार्य करने की व्यवस्था की गई है।
इस मौके पर द राॅकफेलर फाउण्डेशन के एसोसिएट वाइस पे्रसीडेन्ट एवं एशिया के प्रबन्ध निदेशक श्री अश्विन दयाल ने कहा कि उनकी संस्था विशेष रूप से उत्तर प्रदेश मंे मिनी ग्रिड की स्थापना के लिए काम कर रही है। अब-तक संस्था द्वारा प्रदेश में 58 मिनी पावर प्लान्ट स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने राज्य सरकार की मिनी ग्रिड नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश आएगा। साथ ही, दूर-दराज के इलाकों में निजी आवासों के अलावा व्यापारी एवं सेवा क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर में भारी बदलाव आएगा।